महर्षि अरविन्द महाविद्यालय में संभाग स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ

भिण्ड, 08 नवम्बर। उच्च शिक्षा विभाग के खेल कलेण्डर के अंतर्गत संभाग स्तरीय वेटलिफ्टिंग (महिला/ पुरुष) प्रतियोगिता वर्ष 2025-26 का शुभारंभ मुख्य अतिथि शा. महर्षि अरविन्द महाविद्यालय गोहद के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह गुर्जर ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. आशाराम सगर ने की। इस अवसर पर संगठन सचिव डॉ. परदीप कु्रमार क्रीड़ा अधिकारी भी उपस्थित थे।
यह प्रतियोगिता में ग्वालियर चंबल संभाग के भिण्ड, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, अशोकनगर, गुना, दतिया जिलों के 8 महाविद्यालयों के क्रीड़ा अधिकारी एवं खिलाड़ियों ने भाग लिया। 5 कैटेगरी में पुरुषों एवं एक केटेगरी महिला खिलाड़ियों ने भाग लिया। उक्त प्रतियोगिता की 65 किग्रा वेट केटेगरी में रितेश कुमार गोयल, 71 किग्रा वेट केटेगरी में सेामेश सिंह गुर्जर, 79 किग्रा वेट केटेगरी में आकाश सिंह भदौरिया, 88 किग्रा वेट केटेगरी में दिलीप शर्मा, 94 किग्रा वेट केटेगरी में वासु दुबे, 58 किग्रा वेट केटेगरी में भावना पाल को मेडल पहनाकर विजेता खिलाड़ियों का सम्मान किया।
खिलाड़ियों का उत्साह वर्द्धन करते हुए कार्यक्रम के संगठन सचिव डॉ. परदीप कुमार ने कहा कि सर्वप्रथम मैं आप सभी का इस डिवीजन स्तरीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता में स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि आज हम एक ऐसे आयोजन का साक्षी बन रहे हैं, जो न केवल शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता का भी प्रतीक है। खेलों का महत्व केवल पदक जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण, नेतृत्व क्षमता और टीम भावना को भी विकसित करता है। वेटलिफ्टिंग जैसे खेल हमें सिखाते हैं कि जीवन में चाहे कितना भी भार क्यों न हो, यदि हम संतुलन और आत्मबल बनाए रखें, तो हर चुनौती को पार किया जा सकता है। मैं इस मंच से सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देता हूं कि वे पूरी निष्ठा और खेल भावना के साथ प्रतिस्पर्धा करें।
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि पुष्पेन्द्र सिंह गुर्जर ने कहा कि आज जब मैं इन युवा खिलाड़ियों को देखता हूं, तो मुझे भारत के उज्ज्वल भविष्य की झलक मिलती है। वेटलिफ्टिंग केवल एक खेल नहीं, बल्कि यह हमें सिखाता है कि कैसे जीवन के बोझ को संतुलित ढंग से उठाया जाए। डॉ. आशाराम सगर प्राचार्य ने कहा कि मैं सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देता हूं कि वे खेल भावना के साथ प्रतिस्पर्धा करें, और जीत-हार से ऊपर उठकर अनुभव और आत्मविकास को प्राथमिकता दें। हारने वाला कभी असफल नहीं होता, बल्कि वह अगली जीत की तैयारी करता है। अंत में सहायक प्राध्यापक डॉ. विकास छारी ने आभार प्रदर्शन में आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि डॉ. परदीप कुमार क्रीड़ा अधिकारी द्वारा इस प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को एक मंच प्रदान किया है, जहां वे अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं।