लूट के आरोपी के पांच वर्ष का सश्रम कारावास

भिण्ड, 16 जुलाई। सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश जिला भिण्ड मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने अस्पताल के सामने फरियादी बंगाली बाबू से 96 हजार रुपए एवं बैंकों की पासबुक तथा चेकबुक लूटने वाले आरोपी वीरपाल को पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक उत्तम सिंह राजपूत ने की।
अभियोजन के अनुसार 24 मई 2017 को दोपहर तीन बजे फरियादी बंगाली बाबू वर्मा ने ओबीसी बैंक से 48 हजार एवं भारतीय स्टेट बैंक शाखा लश्कर रोड भिण्ड से 48 हजार, कुल 96 हजार रुपए निकाले। उन्होंन उन रुपयों एवं बैंक की पासबुक, चेकबुक को अपने रैग्जीन के बैग में रखकर ऑटो से अपने घर देव नगर कॉलोनी पेच नं.2 के लिए जा रहे थे, जैसे ही बंगाली बाबू का ऑटो जिला चिकित्सालय भिण्ड के सामने पहुंचा, तभी पीछे से काले रंग की मोटर साइकिल पर दो अज्ञात व्यक्ति आए और उसका बैग खींच कर छुडा लिया। उक्त खींचतान में बंगाली बाबू वर्मा सडक पर गिर गए, जिससे उनके माथे व नाक पर चोट आई। दोनों बदमाश बैग लेकर मोटर साइकिल से इटावा की ओर भाग गए। फरियादी ने घटना दिनांक को ही अपने भतीजे शैलेन्द्र सिंह के साथ थाना शहर कोतवाली भिण्ड में घटना की एफआईआर दर्ज कराई, जो अपराध क्र.258/2017 पर धारा 392 भादंवि एवं 11/13 एमपीडीव्हीपीके एक्ट के तहत अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज हुई। प्रकरण की विवेचना के दौरान थाना प्रभारी शैलेन्द्र सिंह कुशवाहा ने आरोपी वीरपाल, रविकांत उर्फ पुत्तड एवं संजय उर्फ संजू के विरुद्ध अपराध करना पाया। तदुपरांत आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे लूट गया माल बरामद किया। आरोपी वीरपाल से लुटे हुए रुपयों में से 20 हजार रुपए एवं काले रंग का रेग्जीन का हैण्डबैग भारतीय स्टेट बैंक की पासबुक एवं ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की चेकबुक तथा बंगाली बाबू वर्मा के आधार कार्ड की छायाप्रति व भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी की स्टेटस रिपोर्ट जो बंगाली बाबू से लूटा था उसे जब्त किया। संपूर्ण विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से कुल दस साक्षियों के कथन कराए गए। न्यायालय में आई संपूर्ण साक्ष्य के आधार पर आरोपी वीरपाल नरवरिया पुत्र भागीरथ सिंह निवासी ग्राम जयसिंह की मडैया थाना जैतपुर जिला आगरा (उप्र), हाल शास्त्री नगर ए ब्लॉक भिध्ड को दोषी पाते हुए धारा 392 भादंवि में ढाई हजार रुपए अर्थदण्ड एवं पांच वर्ष कारावास, धारा 11/13 एमपीडीव्हीपीके एक्ट में ढाई हजार रुपए अर्थदण्ड सहित 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया है।