किसान भाई सरकार के अनूठे व अभिनव अभियान का लाभ उठाने आगे आएं : विधायक राठौर

– विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत घाटीगांव में हुआ वृहद कृषक संगोष्ठी सह शिविर का आयोजन
– खरीफ में अधिक उत्पादन लेने की बारीकियां सिखाईं

ग्वालियर, 08 जून। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत रविवार को घाटीगांव में वृहद कृषक संगोष्ठी सह शिविर का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय विधायक मोहन सिंह राठौर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में घाटीगांव क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतों के किसानों ने उन्नत तरीके से खरीफ फसल उगाने की बारीकियां सीखीं। इस अवसर पर विधायक राठौर ने कहा कि भारत सरकार के इस अनूठे व अभिनव अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक व अधिकारी आपके द्वार पर कम लागत, कम मेहनत व कम पानी में अधिक उत्पादन लेने की विधि सिखा रहे हैं। किसान भाई इस सुअवसर का लाभ उठाकर खेती से अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
संगोष्ठी में जानकारी दी गई कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत विगत 10 दिवस में घाटीगांव विकास खण्ड में कार्यशील वैज्ञानिक व अधिकारियों के दल द्वारा 30 गांवों में 2645 किसानों तक उन्नत कृषि तकनीक पहुंचाई गई है। अभियान के तहत अगले 5 दिवस में लगभग 1500 किसानों को इस अभियान में जोडा जाएगा।
संगोष्ठी में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. वायपी सिंह ने फसल अवशेष एवं सिंचाई प्रबंधन पर विस्तार से प्रकाश डाला। वहीं घाटीगांव एसडीएम राजीव समाधिया ने कृषकों से खेत तालाब योजना का लाभ उठाने और सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियां अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा ऐसा करके हम कम पानी में अधिक सिंचाई कर सकते हैं। साथ ही जल संरक्षण में अपना योगदान भी दे सकते हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उदबोधन जिले के उप संचालक कृषि एवं किसान कल्याण आरएस शाक्यवार ने दिया।
विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत आयोजित वृहद कृषक संगोष्ठी सह शिविर में जिला पंचायत सदस्य सुश्री श्रीपत आदिवासी, कृषि स्थाई समिति अध्यक्ष जनपद पंचायत बरई रामप्रकाश चौरसिया, जनपद सदस्य कप्तान सिंह व चंदन आदिवासी, चंचल राठौर व शैलेन्द्र राठौर, श्रीमती अन्नू चौहान बतौर अतिथि उपस्थित थे।
किसान भाई वर्षा जल संचय के प्रयास प्रमुखता से करें
विधायक मोहन सिंह राठौर ने संगोष्ठी में मौजूद कृषकों से वर्षा जल संचय करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि जल बिना सब कुछ अधूरा है। पानी की उपलब्धता के बगैर न तो खेती करना संभव है और न ही पृथ्वी पर रहना। इसलिए सभी को वर्षा जल संचय के प्रयास करना चाहिए।
खरीफ फसलों में खरपतवार प्रबंधन की सरल विधियां समझाईं
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्वालियर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. शैलेन्द्र सिंह कुशवाह ने संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में कृषकों को खरीफ फसलों में समन्वित खरपतवार प्रबंधन की तकनीकों से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि सभी तिलहनी एवं दलहनी फसलों में पेंडीमिथलीन 30 ईसी शाकनाशी का 3.5 लीटर प्रति हेक्टेयर के मान से फसलों की बुवाई के बाद एवं अंकुरण से पहले फ्लैट फेन (कट) नोजल का उपयोग करते हुए मृदा की नमी की स्थिति में छिडकाव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान भाई खरीफ फसलों की बोनी संतुलित उर्वरक का उपयोग करते हुए कतारों में करें। साथ ही एक माह तक खेत में खरपतवारों से उनका बचाव करें।
कृषि व उससे जुडे विभागों की योजनाओं की दी जानकारी
संगोष्ठी में कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों द्वारा विभाग में संचालित विभिन्न कृषकों के लिए उपयोगी योजनाओं की जानकारी भी विस्तारपूर्वक दी गई। कार्यक्रम के सफल आयोजन में घाटीगांव विकास खण्ड की अभियान की टीम लीडर डॉ. अमिता शर्मा एवं डॉ. जीतेन्द्र सिंह राजपूत तथा विकास खण्ड घाटीगांव के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी दिलीप कटारिया के प्रयास सराहनीय रहे। कार्यक्रम का संचालन कृषि विज्ञान केन्द्र ग्वालियर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसपीएस तोमर ने किया।