भिण्ड, 17 अप्रैल। एसआरएफ कंपनी मालनपुर में काम करने वाले मजदूरों को बढा हुआ पैसा ना मिलने पर मजदूरों ने आज सुबह सात से नौ बजे तक कंपनी गेट पर बैठकर किया धरना प्रदर्शन किया। उसके बाद श्रमिक कार्यालय पहुंचे जहां अपने हक के लिए नारेबाजी कर अपने साथियों के साथ सैकडों की संख्या में अपने बढ़े हुए वेतन संबंधी चर्चा के साथ कंपनी में हो रहे श्रमिकों के शोषण पर लगाम लगाई जाए, श्रमिकों का वेतन भुगतान बढा हुआ दिलाया जाए, की मांग की।
श्रम पदाधिकारी मुरारी सिंह नरवरिया ने श्रमिकों को समझाते हुए कहा कि मप्र शासन द्वारा न्यूनतम वेतन की दर बढ़ी हुई श्रम विभाग के नियम में, टेक्स टाइल, फुटवियर (कपडा बनाने वाली कंपनी) का वेतन संशोधन कोर्ट में लटका हुआ है, कोर्ट द्वारा अभी निराकरण नहीं हुआ है। शेष सभी कंपनियों से पेमेंट होने लगा है। जैसे शासन द्वारा वेतन निर्धारित होता है वैसे ही आपको दिया जाएगा। श्रम न्यायालय मजदूरों के हित में प्रयासरत है, समझाया। इसके बाद 11 बजे सभी श्रमिक फैक्ट्री में काम पर लौटे।
ज्ञात रहें कि यह सभी श्रमिक ठेकेदारी में कार्यरत थे। इस नियम में उद्योग क्षेत्र मालनपुर में तीन उद्योग इकाईयां आती हैं, जिसमें एसआरएफ कंपनी, विक्रम वूलेंस, मार्बल कंपनी, एक इकाई आती है। जिसमें बढ़ा हुआ न्यूनतम वेतन नहीं दिया गया है। इसलिए स्थानीय निम्न कंपनियां श्रमिकों में उग्र रूप से आक्रोश में आकर कंपनी एसआरएफ गेट पर धरना प्रदर्शन किया गया। विक्रम वुलेंस एचआर मैनेजर आनंद शर्मा से इस संबंध में चर्चा हुई तो बताया कि मप्र शासन द्वारा टेक्सटाइल कंपनियों का बढ़ा हुआ वेतन अभी निश्चित नहीं हुआ है, जैसे ही तैयार होगा उन्हें मिलेगा। हम भी चाहते हैं कि मजदूरों को पैसा बढ़ा हुआ मिले। जिस पर श्रम पदाधिकारी का कहना है कि जैसे ही मप्र शासन की न्यूनतम दरें टेक्सटाइल की बढकर आती है, वेतन सभी श्रमिकों को दिया जाएगा। मजदूरों को किसी ने भडका दिया है। इसके बाद मजदूर कम पर कंपनी में काम पर चले गए।
इनका कहना है:
हाईकोर्ट के आदेश रिवीजन आने का इंतजार है, ऐसा कंपनी ने कोरोना काल के समय तीन माह का वेतन दिया और इसे भी रिवीजन आने पर सभी श्रमिकों का वेतन दिया जाएगा।
संतोष पाठक, जनरल मैनेजर एसआरएफ कंपनी मालनपुर