ग्वालियर, 04 फरवरी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भर्ती घोटाले का बडा खुलासा हुआ है। फर्जी दस्तावेज और बायोमेट्रिक हेरफेर के जरिए नौ युवकों ने बीएसएफ में भर्ती हासिल कर ली थी। जब मामला उजागर हुआ, तो टेकनपुर बीएसफ परिसर में हडकंप मच गया। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने एजेंटों और दलालों की मदद से अपनी पहचान छुपाकर भर्ती हासिल की थी। इस बडे फर्जीवाडे में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार बीएसएफ सहायक प्रशिक्षण केन्द्र टेकनपुर में 21 से 25 जनवरी तक भर्ती प्रक्रिया चली। इस दौरान ब्रह्मपाल सिंह पुत्र गुलाब सिंह निवासी टेकनपुर सहित कुल नौ लोग फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक की हेराफेरी कर भर्ती हुए। इन सभी ने एजेंटों और दलालों के साथ मिलकर कूटरचित प्रमाण पत्र और फर्जी पहचान पत्र तैयार किए, ताकि वे भर्ती प्रक्रिया में सफल हो सके।
इस मामले में पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पवन गुर्जर पुत्र महेन्द्र सिंह निवासी ग्राम रूपपुर, फतेहाबाद, आगरा उप्र, संदीप कुमार पुत्र भूपेन्द्र निवासी ग्राम मजीपुर, तहसील इगलास, जिला अलीगढ उप्र, संदीप पुत्र शिंधीसिंह निवासी ग्राम सांवलियापुरा, तहसील राजाखेडा, जिला धौलपुर राजस्थान, दलवीर सिंह पुत्र धर्मवीर सिंह निवासी ग्राम कचपुरा, हिमायूपुर, फतेहाबाद, आगरा उप्र, रामदास पुत्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम भानपुर, जिला मुरैना मप्र, अजय राजावत पुत्र सुघर सिंह निवासी वार्ड क्र.26 गणेशपुरा, मुरैना मप्र, आकाश पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी बालाजी मंदिर के पास मेडिकल कॉलेज रोड शिकोहाबाद, जिला फिरोजाबाद उप्र, अनिल कुमार पुत्र पूरन सिंह निवासी माता का पुरा, तहसील अंबाह, जिला मुरैना मप्र, छोटू गुर्जर पुत्र जयवीर निवासी नथौली, तहसील राजाखेडा, जिला धौलपुर राजस्थान हैं। इस पूरे मामले की जांच उपनिरीक्षक राजवीर सिंह यादव कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि सभी आरोपी फर्जी बायोमेट्रिक डेटा और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर भर्ती में शामिल हुए थे। इसके लिए उन्होंने एजेंटों और दलालों की मदद ली, जिन्होंने उन्हें फर्जी पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और अन्य भर्ती दस्तावेज उपलब्ध कराए। इस गंभीर मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 319(2), 318(4), 61(2), 336(2), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस जैसी सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अब पुलिस उन एजेंटों और दलालों की भी तलाश कर रही है, जिन्होंने इन फर्जीवाडों में इनकी मदद की थी।
अधिकारियों में हडकंप, हो सकती है सख्त कार्रवाई
बीएसएफ जैसी सुरक्षा एजेंसी में इस तरह का भर्ती घोटाला सामने आना बेहद गंभीर मामला है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और भविष्य में ऐसी धोखाधडी न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस भर्ती घोटाले ने सुरक्षा एजेंसियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने की कोशिशों को उजागर किया है। अब देखना होगा कि इस मामले में शामिल दलालों और एजेंटों तक पुलिस कब पहुंचती है और बीएसएफ प्रशासन इस तरह की गडबडियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।