भिण्ड, 30 सितम्बर। शा. उमावि आलमपुर में सोमवार को लहार बीईओ रविन्द्र कुमार बांगरे, शिक्षक नरेश कुमार सोनी के सेवानिवृत होने तथा आलमपुर विद्यालय में पदस्थ रह चुके सतेन्द्र सिंह भदौरिया का स्थानांतरण होने पर भव्य विदाई समारोह का आयोजित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत प्राचार्य हिम्मत सिंह कौरव ने की। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में बीईओ रविन्द्र कुमार बांगरे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में लहार के नवीन बीईओ प्रेमसिंह बघेल मौजूद थे।
सेवानिवृत्ती पर आयोजित विदाई समारोह के अवसर पर बीईओ बांगरे ने कहा कि आलमपुर एवं लहार में मुझे शिक्षकों व लोगों द्वारा अपार प्रेम एवं स्नेह के साथ साथ भरपूर सहयोग मिला है। इसे मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा। सेवानिवृत्त होने के पश्चात मैं अपने गृह जरूर जा रहा हूं। लेकिन यहां के लोगों के बीच हमारे परिवारिक संबंध बन चुके हैं। इसलिए आप लोगों का प्रेम स्नेह कभी नहीं भुला पाऊंगा। उन्होंने कहा कि जब भी यहां कोई बडा कार्यक्रम होगा। उसमें मैं अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराता रहूंगा। विदाई समारोह कार्यक्रम में बांगरे की पत्नी, बेटा, बेटी निशा बांगरे व दामाद भी शामिल थे।
विदाई समारोह के अवसर पर विद्यालय प्राचार्य कमला कान त्रिपाठी सहित विद्यालय स्टाफ तथा अनेक विद्यालयों से आए अध्यापकों ने रविन्द्र कुमार बांगरे, शिक्षक नरेश सोनी तथा प्राचार्य सतेन्द्र सिंह भदौरिया को शॉल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में शा. महाविद्यालय जन भागीदारी समिति अध्यक्ष कल्याण सिंह कौरव, शिवनारायण दुवे, शा. कन्या हाईस्कूल के प्राचार्य भरत शरण तिवारी, शानू चौधरी, दीपक चौधरी, महेन्द्र सिंह कौरव, मनोज सोनी, गुलाब सिंह कौरव, अरुण कुमार तिवारी, देवानंद गुप्ता, रामकुमार गुप्ता, मनोज प्रभाकर सहित विभिन्न विद्यालय के अध्यापक व विद्यालय के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।
आलमपुर विद्यालय में कई व्यवस्थाओं में किया सुधार
सरल स्वभाव के रविन्द्र कुमार बांगरे स्थानांतरित होकर जब शा. उमावि आलमपुर में प्राचार्य पद पर आए थे, तो उस समय विद्यालय भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में था। उन्होंने आलमपुर विद्यालय में पदभार सम्हालने के पश्चात वर्षों पुराने विद्यालय भवन का जीर्णोद्धार कराया। जो आज अपने नए स्वरूप में नजर आ रही है। यही नहीं उन्होंने विद्यालय में पढाई व्यवस्था में भी काफी सुधार किया है। बांगरे शा. उमावि आलमपुर में प्राचार्य के पद पर रहने के पश्चात पदोन्नत होकर लहार बीईओ के पद पर पहुंचे गए और वहां भी उन्होंने अपना सफलतापूर्वक कार्यकाल व्यतीत किया।