– दबोह में वार्ड आठ की लगभग 170 पर्चियों का राशन हुआ गायब
भिण्ड, 30 सितम्बर। दबोह नगर में इन दिनो गरीबों को मिलने बाले राशन को लेकर बडा हंगामा मचा हुआ है। राशन मिलने बाले उपभोक्ताओं के अनुसार पिछला समूह (उपभोक्ता भण्डार संचालक) एक महीने की रशीद काटकर गायब हो गया। उनका कहना है कि हमारे पास से शासन ने दुकानें बापस लेकर पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार को दे दी है। अब आपको राशन पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार से मिलेगा। जब नगर के उपभोक्ता अपनी-अपनी पर्ची लेकर पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार पर राशन लेने पहुंचे तो अब पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार वाले भी पिछले माह का राशन देने से मना करने लगे और इस माह का अंगूठा लगाने के लिए बोल कर राशन लेने को कहने लगे।
मामला दबोह नगर में पूर्व से संचालित दो शासकीय उचित मूल्य के इन्दिरा गांधी उपभोक्ता भएडार एवं पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार का है। बताया जा रहा है कि इन्दिरा गांधी उपभोक्ता भण्डार गरीब उपभोक्ताओं का अंगूठा लगवाकर हस्तलिखित पर्ची गरीबों के हाथों में थमाकर गायब हो गया है। अब सारे उपभोक्ता अपनी-अपनी पर्ची लेकर राशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। सोमवार के दिन जब पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार संचालक अंगूठा लगवा कर पर्ची काटने पहुंचे तो नगरवासी उपभोक्ता भण्डार संचालक पर भडक उठे और पिछला राशन लेने की मांग करने लगे तो पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार संचालक ने भी पिछला राशन देने से इंकार कर दिया और नई पर्ची बनवाने के लिए बोलने लगे।
वहीं वार्ड क्र.आठ के पार्षद लालता कुशवाह का आरोप है कि वार्ड में लगभग 170 उपभोक्ताओं का राशन गायब हैं और नगर में इस वार्ड के अलावा भी हजारों लोग ऐसे हैं जिनका राशन उन्हें नहीं मिला। जिसकी शिकायत के लिए मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को फोन पर संपर्क करना चाहा पर उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
कंप्यूटर की जगह हस्तलिखित पर्चियां थमाकर करते हैं ठगी
नगर में बीते कई महीनों से शासकीय उचित मूल्य की दुकान के उपभोक्ता संचालकों की मनमानी चलती आ रही है। जिससे क्षेत्रीय प्रशासन से लेकर कोई जनप्रतिनिधि (नेता) भी बेखबर नहीं है। उपभोक्ता संचालकों की मनमानी खबर लगभग सभी को रहती है, परंतु इनकी जांच और इन पर कार्रवाई करने की जहमत कोई नेता या अधिकारी नहीं जुटा पा रहा है और लगातार यह उपभोक्ता भण्डार संचालक अपनी मनमानी करते आ रहे हैं। ताजा मामला सोमवार का ही है, जहां उपभोक्ता भण्डार संचालकों की मनमानी के चलते गरीब अनपढ लोगों पुन: बेबकूफ बनाते हुए नजर आ रहे थे, क्योंकि यह लोग भी उपभोक्ताओं को कंप्यूटर की पर्ची न देकर हस्तलिखित पर्ची दे रहे हैं। यदि कल फिर कोई दुकान बदलाव होता है तो कई गरीबों का राशन गायब हो जाएगा और वह गरीब पुन: हस्तलिखित पर्ची लेकर भटकते हुए नजर आएंगे। आखिरकार सवाल यह उठता है कि जब शासन द्वारा सेल्समेनो को इलेक्ट्रॉनिक मशीन दी गई है तो क्यों यह उसकी पर्ची उपभोक्ताओं को नही देते हैं, आखिर उपभोक्ता भण्डार संचालकों को कंप्यूटर पर्ची देने में समस्या आती है?
महीने में नियमित नहीं खुलती इसलिए लटक जाता है राशन
संपूर्ण मामला हस्तलिखित पर्ची से लेकर नियमित दुकानें न खुलने से होता है, क्योंकि यह लोग एक दिन वार्ड या मोहल्ले में जा कर पर्ची काट देते है और राशन देने की एक तरीके सुनिश्चित कर देते हैं। उस तरीख को यदि कोई उपभोक्ता नहीं पहुंचता है तो उसे हस्तलिखित पर्ची अपने पास रखकर राशन लेने के लिए अगले महीने की अगली तारीख का इंतजार करना पडता है। यह दुकानें केवल माह में एक या दो दिन ही खुलती हैं। इन्हीं सबकी आड में उपभोक्ता भण्डार संचालक अपना घपला कर आंगे बढते नजर आते हैं और गरीबों का राशन इन उपभोक्ता भण्डारों की अदला बदली में अटक जाता है। गरीब उपभोक्ता निरंतर अपने हक के लिए परेशान होता रहता है।
गरीबों की झोली नहीं रहेगी खाली
सरकार वैसे तो बडे बडे वायदे करती है और वह साबित की करती है, परंतु धरातल पर स्तिथि कुछ और ही है। सरकार ने कहा था कि गरीबों की झोली नहीं रहेगी खाली पर दबोह में मामला तो कुछ और ही है। यहां बता दें कि दबोह में पं. दीनदयाल उपभोक्ता भण्डार एक भाजपा नेता का ही है, जो वर्षो से उस संचालित करते आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पिछला रिकार्ड उठाकर देखा जाए तो ऐसा पहला घपला नहीं है, ऐसे कई घपले सेल्समैन महोदय पूर्व में भी कर चुके हैं। वहीं बात करे तो भाजपा के ही नारा दे रही कि गरीबों की झोली नहीं रहेगी झोली पर यहां तो भाजपा के उक्त सेल्समैन ही गरीबों के हक पर डांका डाल रहे हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि लहार में पदस्थ खाद्य अधिकारी से उपभोक्ता भण्डार संचालित करने वाले सेल्समैन के काफी गहरे संबंध हैं, जिसके चलते महोदय पर दया दृष्टि बनी हुई है और कोई कार्रवाई नहीं होती है।
रेट सूची व स्टॉक नही है चस्पा
शासन के नियमानुसार उपभोक्ता भण्डार संचालित करने वालों को दुकान रोजाना खोलने के आदेश हैं, तो वहीं शासन के नियमानुसार दुकान के बाहर रेट सूची चस्पा करना व स्टॉक लिखना भी चस्पा करना अनिवार्य है। समझ से परे तो यह है कि जब इतना सब झोल है तो फिर वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई करने से कतरा क्यो रहे हैं।
इनका कहना है-
अनाज नहीं दे रहे हैं, पहले पर्ची कटी थी 26 तारीख को अनाज देने के लिए बोला था परंतु अब मना कर रहे हैं, आज का अंगूठा लगा नहीं रहे।
फूलवती देवी, निवासी वार्ड क्र.आठ दबोहपहले की पर्ची कटी रखी है, परंतु गेहूं नहीं दिए जा रहे, आज अंगूठा लग चुका है, लेकिन पर्ची देने से मना कर दिया है कि तुम्हारा आ नहीं रहा है।
कुशमा देवी, निवासी दबोहपहले की 28 तारीख आठवें महीने की पर्ची कटी रखी है, लेकिन गेहूं नहीं मिल रहा, बोला वो दुकान चली गई, अब कहां चली गई हमें भी नहीं पता।
रसूले, निवासी दबोहआपके द्वारा जानकारी दी गई है, अगर ऐसा कुछ है तो दिखवाते हैं।
मनोज वाष्र्णेय, जिला खाद अधिकारी भिण्ड