नीलगाय शिकार मामले में चार आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कारावास

सागर, 10 सितम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला सागर प्रीतम बंसल की अदालत ने नील गाय का अवैध शिकार करने वाले आरोपी सैयद बद्दु हुसैन, फैसल खान, सईद एहशान एवं उमर खान को दोषी करार देते हुए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, सहपठित धारा 51 के तहत तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजली नायक ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि 14 जून 2017 को वन परिक्षेत्र राहतगढ को मुखबिर से बीट शिकारपुर में अवैध शिकार किए जाने संबंधी सूचना मिली, जिसकी तश्दीक हेतु वह वन स्टाफ के साथ शासकीय वाहन से मौके पर रवाना हुए। मौके पर एक मारूति सुजुकि क्र. एम.एच.02 डब्ल्यू.ए.3881 मिली फिर वह स्टाफ वाहन से दूर छिपकर अभियुक्तगण के आने का इंतजार करने लगा, कुछ देर बाद अन्य वाहनों की आवाज मिलने लगी, वन स्टाफ को देखकर अभियुक्तगण वाहन लेकर नदी की ओर भागने लगे, पीछा करके वन स्टाफ द्वारा पांच हवाई फायर किए गए, लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर तीन अभियुक्त जीप क्र. ए.पी.04 जे.5724 को नदी के पास छोडकर भाग गए, लेकिन अभियुक्त सैयद बद्दु हुसैन को नील गाय का मांस एवं दो चले हुए कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तगण के विरुद्ध पीओआर क्र.1635/14 लेखबद्ध की गई। विवेचना के दौरान साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए, अन्य आरोपीगण को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई, जब्तशुदा माल को जांच हेतु भेजा गया, विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, सहपठित धारा 51 का अपराध पाए जाने से विधिवत परिवाद पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला सागर प्रीतम बंसल के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।