गौशाला के अभाव में इधर-उधर भटकती फिर रही सैकडों गाय

आलमपुर में गौशाला के लिए जगह चिन्हित फिर भी नहीं हुआ निर्माण

भिण्ड, 20 दिसम्बर। आवारा रूप से विचरण करने वाली गायों की समस्या को लेकर आलमपुर नगर के लोग पिछले कई वर्षों से शासन-प्रशासन से नगर में गौशाला बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा आलमपुर नगर में अभी तक गौशाला का निर्माण नहीं कराया गया। गौशाला के अभाव में इस कडाके की सर्दी में आलमपुर नगर में देभई चौराहे, कालेज तिराहे, बस स्टेण्ड, विजय मंच, छत्रीबाग पर सैकडों की तादाद में गाय एवं आवारा पशु सडक पर बैठे एवं खडे हुए दिखाई देते हैं। सडक पर विचरण करने वाली गायों की वजह से जहां वाहन चालकों एवं पैदल निकलने वाले लोगों को परेशानी उत्पन्न हो रही है। तो वहीं वाहनों की चपेट में आने से आये दिन गाये-बछडे दुर्घटना के शिकार हो रही हैं। यदि आलमपुर नगर में संचालित श्रीकृष्ण गौशाला में देखा जाए तो दर्जनों गाये एवं गौवंश घायल अवस्था में मौजूद मिलेंगे। जिनका गौ सेवकों द्वारा जनसहयोग एवं स्वयं के खर्चे पर इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा भूंख से तडपती गाये जब अपनी भूंख मिटाने के लिए किसी किसान के खेत में घुस जाती हैं। तो उन्हें लाठियां खाने के लिए मजबूर होना पडता है। इधर आवारा गायों से किसान भी तंग है। इस कडाके की सर्दी में किसानों को रात रातभर खेतों पर रहकर फसलों की रखवाली करना पड रही है। तब उनकी फसल हो पा रही है।
लोगों का कहना है कि आलमपुर नगर में करीब पांच-छह वर्ष पहले गौशाला निर्माण हेतु सरकारी अस्पताल के पास जगह चिन्हित हो चुकी है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज दिन तक उस स्थान पर गौशाला का निर्माण शुरू नहीं हुआ। स्थानीय पत्रकारगण एवं नगर के जागरुक लोग जब भी नगर परिषद प्रशासन से गौशाला के निर्माण को लेकर चर्चा करते हैं। तो नगर परिषद प्रशासन का एक ही जबाब रहता है कि गौशाला निर्माण की फाइल बनाकर प्रशासन को भेज दी है। आवारा रूप से विचरण करने वाली सैकडों गाये-बछडे एवं गौ वंश की आज बहुत बुरी दुर्दशा हो रही हैं। लेकिन कोई भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि गायों की सुध नहीं ले रहा है और न ही गौशाला निर्माण की पहल करता नजर आ रहा है।