धनुष यज्ञ और लक्ष्मण परशुराम संवाद का हुआ मंचन

आलमपुर में आयोजित आदर्श रामलीला में दर्शकों की रोज उमड रही भीड

भिण्ड, 17 दिसम्बर। ज्ञानवर्धन सेवा समिति आलमपुर द्वारा अयोध्या की आदर्श रामलीला की तर्ज पर आलमपुर नगर में राजवाडे के अंदर बगैर नाच गाने के रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रामलीला के चौथे दिन नगर दर्शन, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का शानदार मंचन हुआ। धनुष यज्ञ की लीला में भगवान श्रीराम के धनुष तोडते ही लोगों ने जयश्रीराम के जयकारे लगाए।
रामलीला मंचन के दौरान भगवान श्रीराम, लक्ष्मण एवं मुनि विश्वामित्र नगर दर्शन के उपरांत मिथिला नरेश राजा जनक जी के दरवार में पहुंचते हैं। जहां पर राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का स्वयंवर रखा। और शर्त रखी कि धनुष तोडने वाले के साथ सीता का विवाह होगा। सीता स्वयंवर में लंका पति रावण, वाणासुर सहित अनेक देश के राजा महाराजा पहुंचे। किन्तु भरी सभा में रखे भगवान शिव के धनुष को कोई नहीं उठा सका। राजा जनक पुत्री सीता के विवाह को लेकर निराश व व्याकुल हो उठे। उनकी व्याकुलता देख मुनि विश्वामित्र ने अयोध्या के राजकुमार प्रभु श्रीराम को धनुष तोडने का आदेश दिया। क्षणभर में ही भगवान श्रीराम ने धनुष को तोड दिया। ऐसे में सीता ने श्रीराम के गले में वरमाला डाल दी। समूचा रामलीला स्थल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। महिलाएं मंगल गीत गाने लगीं।

इधर शिव धनुष के टूटने की आवाज सुन परशुराम क्रोधित अवस्था में राजा जनक के दरवार में पहुंच जाते हैं और फिर भरी सभा में लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद हुआ। रविवार को सुबह आलमपुर नगर में गाजे बाजे के साथ भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकाली गई है। जिसमें कमेटी के लोगों सहित कस्बे के लोग शामिल हुए। शोभायात्रा निकलने पर नगर के लोगों ने अपने-अपने द्वार पर प्रभू श्रीराम का तिलक कर आरती उतारी और झांकी के दर्शन किए।
श्रीराम-जानकी मन्दिर पर विवाह उत्सव कार्यक्रम आयोजित
आलमपुर नगर में चंदेल मोहल्ला में स्थित श्रीराम-जानकी मन्दिर पर रविवार को नगर के भक्तों द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जानकी विवाह उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नगर के भक्तों ने बढ-चढकर हिस्सा लिया। श्रीराम विवाह उत्सव के उपलक्ष्य में भक्तों द्वारा आलमपुर नगर में भगवान श्रीराम की ढोल नगाडे के साथ बारात निकाली गई। इस दौरान नगर के लोगों ने रामचन्द्र जी का तिलक कर आरती उतारी, इसके पश्चात रात्रि में मन्दिर पर भण्डारे का आयोजन हुआ। नगर के सैकडों भक्तों ने मन्दिर पहुंचकर भगवान श्रीराम जानकी दरवार में दर्शन कर भण्डारा ग्रहण किया।