जैन मुनि ने कर्नाटक में हुई जैन आचार्य की हत्या की कडे शब्दों में की निंदा
भिण्ड, 13 जुलाई। संतों ने हमेशा समाजहित और राष्ट्रहित के लिए काम किया है। जब संतों की ही हत्या होने लगे तो समझो देश के पतन के दिन आने वाले हैं। यह बात कर्नाटक में जैन आचार्य कामकुमार नंदी महाराज की निर्मम हत्या की कडे शब्दों में निंदा करते हुए गुरुवार को शहर के हनुमान बजरिया स्थित नेमिनाथ जैन मन्दिर परिसर में मुनि प्रतीक सागर चातुर्मास समिति द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान क्रांतिवीर मुनि प्रतीक सागर महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि संतों की हत्या मानवता की हत्या है, देश की आधार शिला संत ही हैं। आज जैन संत के साथ ऐसा हुआ है, तो कल अन्य संप्रदाय के संतों के सामने संकट खडा हो सकता है। भारत की पहचान मुनि-ऋषि और कृषि से है। आज देश में अमन और शांति संतों की वजह से ही है, इसलिए साधु, संतों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सरकार को खास ध्यान देना चाहिए। एक सवाल के जवाब में प्रतीक सागर महाराज ने कहा कि जैन संत चीटी भी नहीं मार सकते तो उन संत की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है।
क्रांतिवीर मुनि प्रतीक सागर महाराज ने कहा कि जैन आचार्य कामकुमार नंदी महाराज की निर्मम हत्या करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन्हें कडी से कडी सजा दिलाए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त नेताओं को देश की राजनीति से दूर रखकर उन्हें राज्यसभा, लोकसभा एवं विधानसभा में जाने नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को राजनैतिक पार्टियों द्वारा टिकिट ही नहीं देना चाहिए। अब समय आ गया है कि आम आदमी को जागृत होने की जरूरत है।