महानिदेशक/संचालक अन्वेष मंगलम रहे मुख्य अतिथि
भोपाल, 25 फरवरी। भोपाल संभाग के अभियोजकों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शनिवार को होटल पलाश रेसीडेंसी भोपाल में सुबह 10 बजे से प्रारंभ हुई। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि महानिदेशक/ संचालक लोक अभियोजन मप्र अन्वेष मंगलम ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती गिरिबाला सिंह उपस्थित रहीं एवं संयुक्त संचालक लोक अभियोजन अजय सिंह भंवर शामिल हुए। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। समापन अवसर पर पुलिस कमिश्नर भोपाल मकरंद देउस्कर की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यशाला में भोपाल संभाग के सभी जिलो के लोक अभियोजकों ने प्रतिभाग किया।
विदित है कि लोक अभियोजन संचालनालय के तत्वावधान में अभियोजकों की कार्यदक्षता संवर्धन बढ़ाने के क्रम में सभी संभागों में कार्यशाला आयोजित कराने के दिशा निर्देश जारी किए गए थे। जिसके तारतम्य में जिला अभियोजन कार्यालय भोपाल द्वारा संभागीय अभियोजन कार्यशाला भोपाल का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती गिरिबाला सिंह ने ‘संवेदनशील साक्षियों के संरक्षण एवं सुरक्षा, साक्ष्य के दौरान रखी जाने वाली सावधानियोंÓ के संबंध में अभियोजकों को विस्तृत जानकारी प्रदान की। जिला न्यायाधीश भोपाल डॉ. धमेन्द्र टाडा ने ‘आपराधिक मामलों में अभियोजकों की भूमिकाÓ के विषय पर मार्गदर्शन प्रदान किया। एनएलआईयू के प्रोफेसर डॉ. यूपी सिंह ने ‘बालक अधिकारों का सरंक्षण एवं सुरक्षाÓ के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की। असिस्टेंट प्रो. विजय सिंह ने पॉक्सो एक्ट में एविडेंस का महत्व विषय पर उदबोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र उपाध्याय ने किया है। कार्यक्रम समापन पर महानिदेशक/ संचालक लोक अभियोजन मप्र अन्वेष मंगलम ने सभी को प्रमाण पर प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्य रूप से सहायक संचालक शैलेन्द्र सिरोठिया, उदयभान रघुवंशी, अमित शुक्ला, अभिषेक बुंदेला, गृह मंत्री के विशेष सहायक विष्णुकांत समाधिया एवं टीपी गौतम, श्रीमती वंदना परते, अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी पीएन सिह राजपूत, लोक अभियोजक भोपाल डीपीओ सीहोर अनिल बादल एवं डीपीओ राजगढ़ आलोक श्रीवास्तव शामिल हुए। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी ने दी।
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