बीएमओ गोहद एवं सीएमएचओ 11 माह में नहीं कर सके दूसरे चिकित्सक की व्यवस्था
भिण्ड, 11 फरवरी। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में जब अस्पताल का उद्घाटन हुआ तो क्षेत्र की जनता में बड़ा हर्ष हुआ कि गरीब तबके के लोगों को नि:शुल्क दवा मिलेगी। परंतु 11 माह से एक डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे थे, उन पर भी इतनी जिम्मेदारी थी कि क्षेत्र में कहीं शिविर देखना, अस्पताल की व्यवस्था आदि करते-करते पदस्थ डॉ. एमएस तोमर स्वयं बीमार हो गए, जिनके 15 दिन की मेडिकल अवकाश पर जाने से मालनपुर आरोग्यम स्वास्थ्य केन्द्र में मरीज आते हैं और चले जाते हैं, परंतु डॉक्टर साहब ही नहीं, दवा वितरण रूम, चिकित्सक रूम, दवा स्टोर रूम, यहां तक ऑनलाइन चिकित्सा कक्ष भी बंद मिला।
जब पत्रकारों ने जानकारी ली तो पता चला कि एक एएनएम, एक बार्डवॉय मिला। एएनएम कलावती ने बताया कि गोहद से आज डॉ. धर्मवीर दिनकर आए थे चले गए। पत्रकारों ने देखा कि सभी ऑफिसों में ताले लगे हैं, क्या मप्र सरकार की व्यवस्था में जिला सीएमएचओ भिण्ड ने भी 11 माह से दूसरे डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की, यहां कोई महिला चिकित्सक की व्यवस्था फैमिली प्लान नसबंदी शिविर में मात्र एक दिन के लिए चिकित्सा टीम के साथ आती हैं, परंतु इतने बड़े क्षेत्र में इस अस्पताल में महिलाएं डिलीवरी के लिए प्रतिदिन एक न एक महिला प्रसूता आती है, परंतु इस अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, मरीज परेशान होकर या तो झोला छाप डॉक्टरों के पास दवा ले रहे हैं या फिर ग्वालियर जा रहे हैं। जिससे क्षेत्रीय जनता में आक्रोश देखने को मिल रहा है। एक और सरकार गरीबों के लिए कई स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं की घोषणा करती है, परंतु धरातल पर स्वास्थ्य सेवाएं ना के बराबर है, जिला सीएमएचओ और गोहद बीएमओ की तानाशाही से जो मालनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था ठप्प हो गई है।
इस संबंध में बीएमओ डॉ. आलोक शर्मा से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि डॉ. एमएस तोमर पदस्थ हैं, परंतु अवकाश पर चले गए हैं, जबकि शासन से अवकाश पर जाना मना है। इस संबंध में डॉ. एमएस तोमर से चर्चा की तो बताया कि मेरी अचानक तबीयत खराब हो गई मैं मेडिकल पर अवकाश लिया है। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक अन्य डॉक्टरों की व्यवस्था क्यों नहीं की। जब अस्पताल का शुभारंभ हुआ था उस समय दो डॉक्टर, एक महिला डॉक्टर की नियुक्ति थी, लेकिन 11 माह से एक डॉक्टर की देखरेख में चलाया जा रहा था। जबकि इस स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रतिदिन 150 से 200 के करीब मरीजों का आना जाना है। शासन के नियमानुसार हेल्पलाइन चिकित्सा द्वारा सेवा करने के लिए खोला गया रूम भी बंद रहता है। इस संबंध में जिला भिण्ड सीएमएचओ डॉ. यूपीएस कुशवाह से मोबाइल पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।