15 सूत्रीय मांगों को जनपद पंचायत पदाधिकारी संघ ने सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 26 दिसम्बर। जनपद पंचायत पदाधिकारी संघ जिला भिण्ड इकाई ने जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के अधिकारों के संबंध में जिले के सभी जनपद प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर भिण्ड को 15 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि वर्तमान समय में जनपद पंचायत के समस्त निर्वाचित पदाधिकारी चाहे जनपद अध्ध्यक्ष हो, उपाध्यक्ष या सदस्यों हों, सभी शोपीस बनकर रह गए हैं, सारे अधिकार प्रशासनिक अधिकारियों सीईओ को दे दिए गए हैं, जिस कारण जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि अपेक्षित महसूस करते हुए जरूरतमंद तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। इसलिए हमें पर्याप्त अधिकारी और सुविधाएं प्रदान किए जाएं, जिससे त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को अधिक मजबूती मिल सके।
ज्ञापन के जरिए जिन 15 सूत्रीय मांगों को रखा गया है, उनमें जनद पंचायत अधिनियम 1994 में जो अधिकार जनपद अध्यक्षों को दिए गए थे, उन्हें पुन: बहाल किया जाए। जनपद के बैंक खाते का संचालन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ जनपद अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से होना अनिवार्य किया जाए। जिस प्रकार सरपंच, सचिव, नगर पालिका, नगर परिषद सीएमओ द्वारा खातों का संचालन किया जाता है। जनपद स्तर पर प्रस्तुत नस्तियों पर जनपद सीईओ के साथ जनपद अध्यक्ष का अनुमोदन अनिवार्य किया जाए। जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र के विकास के लिए नियमानुसार विकास निधि और स्वेच्छानुदान बजट की व्यवस्था की जाए। जनपद अध्यक्ष का वाहन भत्ता वर्तमान में 35 हजार है, महंगाई को देखते हुए इसे बढ़ाकर 70 हजार रुपए किया जाए। जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी की जाए। जनपद स्तर के कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रभार बदलने, सीआर लिखने का अधिकार जनपद अध्यक्ष को दिए जाएं। जनपद अध्यक्षों को जिला मुख्यालय/ जनपद मुख्यालन पर सरकारी आवास की सुविधा प्रदान की जाए। जनपद अध्यक्षों को एक सुरक्षा गार्ड प्रदान किया जाए, साथ ही एक निजी सहायक के रूप में शासकीय कर्मचारी को नियुक्त करने के अधिकार दिया जाए अथवा मस्टरर पर नियुक्ति करने के अधिकार दिए जाएं। जनपद अध्यक्षों को विधायकों की तर्ज पर फ्री रेल यात्रा कूपन प्रदान किए जाएं। जनपद अध्यक्षों को भोपाल में सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस में ठहरने की सुविधा प्रदान की जाए। ग्राम पंचायत के सभी विकास कार्यों की डीपीआर एवं प्रस्ताव में संबंधित पंचायत के जनपद सदस्य को अनुमोदन अधिकार एवं कार्य पूर्ण होने पर अंतिम सीसी जारी करते समय जनपद सदस्य का अनुमोदन अनिवार्य किया जाए। पंचायत के कार्यों में जहां भी पीसीबी को इस्तेमाल का अधिकार हो, उस स्थान पर सदस्य के हस्ताक्षर भी अनिवार्य किए जएं। पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करते हुए पंचायत सदस्य को भी निर्माण एजेंसी एवं वित्तीय अधिकार प्रदन किए जाएं। जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बजट के अनुमोदन का अधिकार जनपद पंचायत की सामान्य सभा को दिया जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में कमला श्रीनारायण शर्मा अध्यक्ष जनपद पंचायत अटेर, सरोज-रामकृष्ण बघेल अध्यक्ष जनपद पंचायत भिण्ड, आशा-कोकसिंह अध्यक्ष जनपद पंचाययत मेहगांव, कालीचरण तोमर अध्यक्ष जनपद पंचायत गोहद, मीना मोंटी सिंह अध्यक्ष जनपद पंचायत लहार, हरमन सिंह गुर्जर अध्यक्ष जनपद पंचायत रौन, शैलेन्द्र सिंह, पंकज सिहं, महेश सिंह भदौरिया, देशराज सिंह, कालीचरन सिंह, वर्षादेवी, रामप्रकाश शर्मा, रामलालल बघेल, कौशलकिशोर, सोनू, नीलम, गौरीकुमारी, विमलेश जोशी, मीरादेवी, राकेश, दिनेश सिंह, लाली, किशनदेवी, संजय सिंह गोहद आदि प्रमुख हैं।