ग्राम टिकरी खुर्द में पौधारोपण कर मनाया स्वतंत्रता दिवस
भिण्ड, 17 अगस्त। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ग्राम टिकरी खुर्द माता मन्दिर में श्रीश्री 1008 कमलदास महाराज के मुख्य आतिथ्य में सामाजिक संगठन हम फाउण्डेशन द्वारा स्वतंत्रता दिवस एवं पौधाारोपण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर हम फाउण्डेशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. इकबाल अली, प्रांतीय महासचिव प्रो. रामानंद शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता शाखा संरक्षक महेन्द्र चौधरी, जिला अध्यक्ष शैलेष सक्सेना, सिटी शाखा अध्यक्ष अरविंद सिंह भदौरिया, विवेकानंद शाखा अध्यक्ष विपुल सेठ, सचिव योगेश शर्मा, नीतू राजावत, शिवम श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विपुल सेठ और आभार योगेश शर्मा ने व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए कमलदास महाराज ने कहा कि वृक्ष और जीवन एक दूसरे के पूरक होते हैं, वृक्ष के बिना जीवन अधूरा है। वृक्ष जीवन के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडर है जो जलवायु का संतुलन बनाते हैं। भारतीय संस्कृति में पौधे और जानवरों को धर्म से जोड़ा गया है, ताकि उन्हें उचित संरक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि स्वतंत्रता दिवस और पौधारोपण पर्व है।
प्रो. इकबाल अली ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी हैं, यही हमें नि:स्वार्थ छाया, फल और जीने के लिए आक्सीजन प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि ईश्वर द्वारा बनाई गई धरती की हरी-भरी गोद हमें हमारे पूर्वजों के पुण्य कार्यों के कारण मिली थी। उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर अंतिम यात्रा तक वृक्ष का हमारे जीवन में अमिट योगदान रहेगा। प्रांतीय महासचिव प्रो. रामानंद शर्मा ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 वर्ष के अंतर्गत इस महोत्सव का आयोजन वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन तथा पर्यावरण और हरित क्षेत्र के बारे में जनजागरुकता बढ़ाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे माता-पिता हम लोगों की देखभाल करते हैं उसी तरह छोटे-छोटे पौधों की देखभाल करना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त अधिवक्ता महेन्द्र चौधरी कहा कि देश में जैव विविधता और पारिस्थितिक संस्कृति की रक्षा के लिए पौधारोपण करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, ऐसे में इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में पौधारोपण करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के अंत में 51 पौधे फलदार एवं छायादार रोपे गए।