जीवन में सुख का आधार देने में है : प्रहलाद भाई

ग्वालियर, 28 जुलाई। माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम लक्ष्मीगंज में पवित्र सावन के माह में भजन एवं सत्संग का आयोजन पूरे एक माह चलेगा। माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव ने बताया कि यह सत्संग एवं भजन वृद्ध माता-पिताओं के लिए भगवान में कैसे मन लगे, अपना बकाया जीवन कैसे हरि चरणों में व्यतीत करें, इसके लिए आयोजन किया गया है।

शुक्रवार को सत्संग ब्रह्मा कुमारीज संस्थान ग्वालियर से राजयोग ध्यान प्रशिक्षक एवं प्रेरणात्मक वक्ता ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई ने किया। उन्होंने कहा कि सब दु:खों से छूटने के आधार परमात्मा की याद है, हमें प्रति क्षण अपने परमपिता को याद करते रहना चाहिए। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से राजयोग ध्यान एक्सपर्ट बीके प्रहलाद भाई ने कहा कि जीवन में हर मनुष्य शांति चाहता है, सुख चाहता है, खुशी चाहता है, लेकिन वह यह नहीं जानता कि यह कैसे मिलेंगे, उसके लिए वह संसार मे स्थूल चीजों में इनको खोजता है, अनेक प्रयत्न करता है फिर भी खाली हाथ रहता है।
जबकि सब प्रकार के दुखों से छूटने के साधन है परमात्मा की याद। यदि हम प्रतिदिन थोड़ा समय परमात्मा को याद करते है तो निश्चित ही हम जीवन को अच्छा बना सकते हैं और सुख शांति का अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब एक चैतन्य शक्ति आत्मा है और मुझ आत्मा का निवास इस शरीर में भृकुटि के मध्य में है, जहां हम तिलक है। आत्मा ही पूरे शरीर का संचालन करती है। आत्मा अजर-अमर, अविनाशी है। सूर्य, चांद, तारागण पर एक दुनिया है, जिसे ब्रह्मलोक कहते हैं, हम सब वहां के रहने वाले हैं, इस सृष्टि रूपी रंगमंच पर अभिनय करने के लिए है। अभिनय करते करते हम स्वयं का सत्य स्वरूप, अपने घर और अपने पिता परमात्मा को भूल गए हैं, इसलिए दुखी हो गए हैं। परमात्मा का नाम, रूप, देश, काल और कर्तव्य बताते हुए कहा कि हम सब उस सर्व शक्तिमान निराकार ज्योति स्वररूप परमपिता परमात्मा की संतान है, जिहोंने इस सृष्टि को रचा है। यदि हम सच्ची दिल से प्रतिदिन परमपिता परमात्मा को याद करेंगे तो हमारे विकर्म विनाश होंगे और हम पावन बन जाएंगे। भगवान ने हमको भाग्य लिखने के लिए श्रेष्ठ कर्म की कलम दी है। हमें हमेशा श्रेष्ठ कर्म ही करना चाहिए, फिर चाहे हमें कोई देखे या न देखे, श्रेष्ठ कर्म का फल सदैव अच्छा ही होता है।
हमें हमेशा स्वयं के प्रति एवं दूसरों के प्रति अच्छा ही सोचना चाहिए, क्योंकि जैसा हम सोचते हैं वैसे हम बन जाते हैं। इस संसार में हर एक का अपना अपना पार्ट है, हमें किसी दूसरे की देखकर दुखी नहीं होना चाहिए, वल्कि अपने पार्ट को बेहतर बनाते हुए सबके प्रति शुभ भावना एवं शुभकामना रखना चाहिए। ऐसा करने पर हम अपने जीवन को वेहतर ढंग से जी सकते है। अंत में उन्होंने राजयोग ध्यान का अभ्यास सभी को कराया।
इस अवसर पर वृद्ध माता-पिता अपने पूरे मनोयोग से सत्संग का आनंद लिया। सबसे पहले आश्रम में स्थित माता के मन्दिर का पूजन किया गया, उनको माला पहनाई गई व भोग लगाया गया। तत्पश्चात सत्संग करने आए ब्रह्माकुमारीज संस्थान ग्वालियर से राजयोग ध्यान प्रशिक्षक एवं प्रेरणात्मक वक्ता ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाईजी का सम्मान किया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध भागवत आचार्य श्री घनश्याम शास्त्री, माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम के अध्यक्ष पवन भटनागर, चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव, सचिव श्याम श्रीवास्तव, अधीक्षिका श्रीमती सीमा सक्सेना, रामदास मिश्रा, श्रीमती पुष्पा तिवारी, उमा शर्मा, रेखा शुक्ला, शालिनी शुक्ला, सलोनी सहित आस-पास के भक्तजन भी एकत्र थे।