शास्त्रों में राज बलि की कहानी अति महत्वपूर्ण : ममता किशोरी

ग्राम रजपुरा में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन राम जन्म और राजा बलि की महिमा का किया वर्णन

भिण्ड, 30 मई। अटेर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल श्रीश्री 1008 केशवानंद महाराज के सानिध्य में चल रही ग्राम रजपुरा में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सरल कथा प्रवक्ता देवी ममता किशोरी दीदी ने संपूर्ण श्रीमद् भागवत कथा का स्मरण कराते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर है और यह जिस पर संतों की कृपा होती है भगवान उसी व्यक्ति के मन में स्थापित हो जाते हैं हमें संकल्प और विचार लेकर कथा का स्मरण करना चाहिए तभी हमारे जीवन का भगवान के चरणों में समर्पित हो जाता है द्य राम जन्म के साथ चारों पुत्रों का जन्म हुआ और उनका नामकरण के साथ-साथ राजा बलि की कथा का वर्णन किया। पंडाल में राम जन्म में महिलाओं ने जमकर बधाई और नृत्य कर समा बांधा।
प्रवक्ता देवी ममता किशोरी दीदी ने भागवत कथा में सूर्यवंश और चन्द्र वंश कथा का वर्णन करते हुए कहा कि राम चरितमानस भगवान राम के चरित्र का दर्शन कराता है व्यक्ति का चरित्र शुद्ध अशुद्ध रण होगा तभी ही भगवान की प्राप्ति होगी हमें सबसे पहले संकल्प लेकर साफ करना चाहिए तभी ही भगवान की प्राप्ति होगी। उन्होंने असुरों के राजा बलि या बाली की चर्चा पुराणों में बहुत होती है। वह अपार शक्तियों का स्वामी लेकिन धर्मात्मा था। दान-पुण्य करने में वह कभी पीछे नहीं रहता था। उसकी सबसे बड़ी खामी यह थी कि उसे अपनीबी शक्तियों पर घमण्ड था और वह खुद को ईश्वर के समकक्ष मानता था और वह देवताओं का घोर विरोधी था। भारतीय और हिन्दू इतिहास में राजा बलि की कहानी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा माना जाता है प्राचीनकाल में देवी और देवता हिमालय क्षेत्र में रहते थे। हिमालय में ही देवराज इन्द्र का एक क्षेत्र था जिसमें नंदन कानन वन था। इन्द्र के इस क्षेत्र के पास ही गंधर्वों का क्षेत्र था। यहीं पर कैलाश पर्वत पर भगवान शिव का निवास था। पहले धरती पर बर्फ की अधिकता थी और अधिकतर हिस्सा जलमग्न था। मानव गुफाओं में रहता था और सुर और असुर अपनी शक्तियों के बल पर संपूर्ण धरती पर विचरण करते थे। नागलोक का विस्तार दूर-दूर तक था और समुद्र में विचित्र-विचित्र किस्म के प्राणियों का जन्म हो चुका था। प्रारंभिक जातियां- सुर और असुर कौन थे?


श्रीमद् भागवत कथा को सुनने के लिए कथा प्रेमी भारी संख्या में रजवाड़ा धाम में पहुंच रहे हैं। आज पारीक्षत खनिज विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष कोकसिंह नरवरिया-श्रीमती माया नरवरिया और उनके पूरे परिवार तथा भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विजय दैपुरिया, रामप्रकाश शर्मा, सरपंच ब्रह्मदेव सिंह यादव, रामवीर सिंह यादव ने श्रीमद् भागवत कथा की आरती की और किशोरी जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रीमती सुशीला नरवरिया, देवेन्द्र सिंह नरवरिया, एडवोकेट नरोत्तम सिंह, एडवोकेट रविन्द्र सिंह नरवरिया, मधुराज सिंह लोधी, महेश सिंह नरवरिया, सुघर सिंह नरवरिया, लालजी सिंह नरवरिया, मेघसिंह नरवरिया, रामधन सिंह नरवरिया आदि लोग श्रीमद् भागवत कथा को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

आज होगा चरस का जन्म और नंद उत्सव

ग्राम रजपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन 31 मई को चंद्रवंशी की कथा का वर्णन देवी ममता किशोरी जी द्वारा किया जाएगा। जिसमें कृृष्ण जन्म और नंद उत्सव की कथा का व्यापक वर्णन होगा। आयोजक समिति ने महिला पुरुषों से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कृष्ण जन्म उत्सव में भाग लें।