अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय स्तर पर वन्यप्राणियो की तस्करी करने वाले 13 तस्करों को सात-सात वर्ष का कठोर करावास

न्यायालय ने मुख्य आरोपी पर लगाया पांच लाख का अर्थदण्ड

सागर/भोपाल, 19 जुलाई। विलुप्तप्राय: प्रतिबंधित वन्यप्राणियों की रास्ट्रीय स्तर पर बहुचर्चित अंतर्राष्ट्रीय/ अंतर्राज्यीय तस्करी के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर श्री विवेक पाठक ने सोमवार को दिए ऐतिहासिक फैसले में गिरोह के मुख्य सरगना चेन्नई निवासी मनीवन्नन मुरुगेशन सहित अन्य सभी 12 कुख्यात तस्करों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत सात-सात वर्ष का कठोर करावास एवं पांच लाख रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रभारी अभियोजक भोपाल श्रीमत सुधाविजय सिंह भदौरिया ने घटना के बारे में बताया कि वर्ष 2017 में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मप्र भोपाल द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर चंबल नदी में पाए जाने वाले अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के वन्यप्राणी लाल तिलकधारी कछुओं एवं पेंगोलिन शल्क की तस्करी विदेशों में बड़े पैमाने में किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय/ अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया गया था। पांच मई 2017 को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल एवं क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर द्वारा मृत आरोपी नंदलाल के घर ग्राम मोगियापुरा जिला श्योपुर, रेंज सबलगढ़ से दुर्लभ प्रजाति के वन्यप्राणी पेंगोलिन की शल्क जब्त कर एवं आरोपी नंदलाल को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की गई। जिसमें प्रतिबंधित वन्यप्राणी कछुओं एवं पेंगोलिन के अवैध शिकार, परिवहन और तस्करी का एक संगठित गिरोह के रूप में पिछले सात-आठ वर्षों से लगातार किए जाने के तथ्य का खुलाशा हुआ और पांच मई 2017 को क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर ईकाई द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। जांच के दौरान स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स द्वारा एक के बाद एक वन्यप्राणी तस्करी से जुड़े चार राज्यों से 14 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया, इन आरोपियो द्वारा प्रतिबंधित विलुप्तप्राय: वन्यप्राणी एवं उनके अवयवों की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन, थाईलैंड, मलेशिया, हांगकांग, बांग्लादेश, श्रीलंका, मेडागास्कर आदि देशो में संगठित गिरोह के रूप में व्यापक स्तर पर अवैध व्यापार किया जा रहा था। गिरोह के सदस्यों द्वारा मप्र की चंबल नदी से दुर्लभ विलुप्तप्राय: वन्यप्राणी लाल तिलकधारी कछुओ (रेडक्राउन रूफ टर्टल) का अवैध शिकार कर अवैध तरीके से परिवहन कर विदेशों में ऊचे दामो पर बेचे जा रहे थे। जांच उपरांत प्रकरण में आठ परिवाद लगभग 2500 पृष्ठों के एक जुलाई 17 से 15 माई 19 के बीच क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर की तत्कालीन जांच अधिकारी सुश्री श्रद्धा पंद्रे द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। दिसंबर 2019 में माननीय उच्चतम न्यालायल द्वारा प्रकरण के शीघ्र निराकरण के निर्देश विचारण न्यायालय सागर को दिए गए थे। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वन्यप्राणी मुख्यालय मप्र भोपाल के अनुरोध पर संचालनालय लोक अभियोजन मप्र भोपाल द्वारा श्रीमती सुधाविजय सिंह एडीपीओ, भोपाल को उनके वन्यजीव संरक्षण में कार्यदक्षता के आधार पर विशेष रूप प्रकरण में पैरवी हेतु अधिकृत किया गया था। उच्चतम न्यायालय से प्राप्त निर्देशों के पालन में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर के न्यायालय में भौतिक उपस्थिति में प्रकरण की दिन-प्रतिदिन चली सुनवाई में 16 जनवरी 2020 को 13 आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 39, 44, 48, 48ए, 49, 49बी, 52, 51, 51-1-ए के अंतर्गत आरोप विचरित किए गए।
अभियोजन अधिकारी श्रीमती भदौरिया द्वारा बताया कि प्रकरण में 27 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराते हुए 23 जनवरी 2021 को अभियोजन साक्ष्य समाप्त की गई और 14 दिन तक न्यायालय के समक्ष अंतिम बहस उपरांत आरोपियों के विरुद्ध घटना पांच मई 2017 से विगत 7-8 वर्षों से किए जा रहे लगभग एक लाख दुर्लभ प्रतिबंधित वन्यप्राणियों की अंतर्राष्ट्रीय/ अंतर्राज्यीय तस्करी एवं लगभग चार करोड़ से अधिक की राशि का लेन-देन संदेह से परे प्रमाणित किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत गवाहों, सबूतों एवं तर्कों से सहमत होते हुए अपराध की गंभीरता और इस तरह के अपराधो का पर्यावरण और समाज पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय सागर द्वारा सोमवार को दिए अपने अहम् फैसले में मुख्य आरोपी मनीवन्नन बल्द मुरूगेशन उम्र 31 वर्ष निवासी चेन्नई को सात वर्ष का कठोर करावास एवं पांच लाख रुपए के ऐतिहासिक अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
वहीं अन्य आरोपी थमीम अंसारी पुत्र साथर अंसारी उम्र 29 वर्ष निवासी चेन्नई, मोहम्मद इरफान पुत्र मोहम्मद जेनुल उम्र 27 वर्ष निवासी कोलकाता, तपस बसाक पुत्र तपन बसाक उम्र 30 वर्ष निवासी कोलकाता, अजय सिंह पुत्र कृपाल सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी एत्मोदोला आगरा, रामसिंह पुत्र कुंवरपाल सिंह उम्र 24 वर्ष निवासी मैनपुरी, मोहम्मद इकरार पुत्र गुल मोहम्मद उम्र 27 वर्ष निवासी भौगाव मैनपुरी एवं सुशीलदास उर्फ खोका पुत्र पुरतीराम उम्र 58 वर्ष निवासी वनगांव कोलकाता को सात-सात वर्ष का कठोर करावास एवं 50-50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आजाद पुत्र हरिराम उम्र 40 वर्ष निवासी कैलारस मुरैना, विजय पुत्र शशिकांत गौंड उम्र 30 वर्ष निवासी ग्वालियर, कैलाशी उर्फ चच्चा पुत्र छबिराम उम्र 55 वर्ष निवासी नूराबाद मुरैना, संपतिया पुत्र भंतु बाथम उम्र 42 वर्ष निवासी श्योपुर एवं कमल बाथम पुत्र देवीचरण बाथम उम्र 36 वर्ष निवासी वीरपुर श्योपुर को को सात-सात वर्ष का कठोर करावास एवं 20-20 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। साथ ही सभी आरोपियों की जमानत निरस्त कर जेल भेज दिया गया है। अर्थदण्ड न अदा करने पर 1.5 -1.5 वर्ष अक अरिरिक्त कारावास भोगा जाएगा। एडीपीओ सागर दिनेश चंदेल एवं ब्रजेश दीक्षित द्वारा अभियोजन संचालन में सतत सहयोग प्रदान किया गया। आरोपी नंदलाल पुत्र प्रेमसीग मोगिया की विवेचना के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में वर्तमान में कुल 11 विदेशी व 10 भारतीय आरोपी फरार है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास इंटरपोल के माध्यम से लगातार किए जा रहे हैं। गिरोह का मुख्य सरगना मनीवन्नन मुरुगेशन जिसे थाईलैण्ड पुलिस को प्रत्यर्पण पर सौंपे जाने कार्रवाई की प्रचलन में है। प्रकरण में पेंगोलिन शल्क, जीवित प्रतिबंधित वन्यप्राणी लाल तिलकधारी कछुए, विदेशी मुद्रा, अपराध में प्रयुक्त एपल मोबाइल सहित अन्य कीमती मोबाइल जब्त किए गए एवं अपराध में प्रयुक्त वाहन मर्सडीज बेंज कार कीमत लगभग 50 लाख रुपए को भी जब्त कर राजसात किया जा चुका है।
गौरतलब है कि प्रकरण में मुख्य आरोपी चेन्नई निवासी मनीवन्नन सहित सात आरोपी लगभग तीन वर्षों से अधिक समय से जेल में निरुद्ध हैं। गिरोह के मुख्य सरगना सहित अन्य निरुद्ध आरोपियों की जमानत याचिका कोविड-19 की परिस्थितियों में भी अभियोजन की सशक्त पैरवी होने से सुप्रीमकोर्ट/ हाईकोर्ट/ सत्र न्यायालय से कई बार निरस्त की गई थी।