भगवान की पूजा, भक्ति, स्मरण से कर्मों की निर्जरा होती है : विहसंत सागर

भिण्ड, 14 जुलाई। गणाचार्य विराग सागर महाराज के शिष्य, मप्र शासन के राजकीय अतिथि मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर महाराज ने चैत्यालय जैन मन्दिर में बुधवार को सुबह प्रवचनों में कहा कि भगवान की पूजा, भक्ति, स्मरण यानि नाम लेने से कर्म कटते हैं, कर्मों की निर्जरा होती है, भक्ति भाव से की गई पूजा कभी निष्फल नहीं जाती, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए, जिससे पापों का क्षय यानि नाश हो जाए और पुण्य के फल की प्राप्ति हो।
कार्यक्रम के शुभारंभ में गणाचार्य विराग सागर महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलन जिला पंचायत सीईओ जेके जैन ने किया। कमेटी ने श्री जैन का स्वागत सम्मान किया तथा उन्होंने महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।

विहसंत सागर महाराज को चातुर्मास के लिए चढ़ाया श्रीफल

मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर महाराज ससंघ, श्रमण मुनि विश्वसूर्य सागर महाराज ससंघ का नगर में चातुर्मास हो उसके लिए सकल जैन समाज द्वारा श्रीफल चढ़ाया गया। तभी महाराजश्री ने कहा कि बरासो जैन मन्दिर में विधान के पश्चात 18 जुलाई को चातुर्मास की घोषणा होगी। वहां से विहार दुल्हागन एवं वाह की ओर होगा और जहां चातुर्मास होगा। वहां 25 जुलाई को चातुर्मास कलश स्थापना होगी।

विहसंत सागर महाराज ससंघ का बरासो की ओर हुआ विहार

मेडिटेशन गुरू विहसंत सागर महाराज ससंघ, श्रमण मुनि विश्वसूर्य सागर महाराज का भगवान महावीर स्वामी की समोशरण स्थली अतिशय क्षेत्र बरासो जैन मन्दिर के लिए मंगल विहार बुधवार की शाम को हुआ। रात्रि विश्राम लावन कॉलेज में होगा और सुबह बरासो पहुंचेंगे। मनोज जैन ने बताया कि अतिशय क्षेत्र बरासो जैन मन्दिर में तीन दिवसीय महाअर्चना विधान का आयोजन 16, 17 एवं 18 जुलाई तक होने जा रहा है। जिसमें लगभग 108 जोड़े के साथ भक्तजन भगवान की भक्ति करेंगे। उन्होंने बताया कि बरासों अतिशय क्षेत्र पहुंचने के लिए समिति द्वारा निशुल्क बसों की व्यवस्था खण्डा रोड से की गई है। जो सुबह सात बजे रवाना होगी।