आशा/ आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ की कार्यकर्ताओं ने घेराव कर सौंपा ब्लॉक अधिकारी बीसीएम को ज्ञापन

मेहगांव/भिण्ड, 28 मार्च। देशभर में निजीकरण के विरोध में हो रहे देश व्यापी हड़ताल के तहत मेहगांव में भी आशा सहयोगिनी संघ ने हड़ताल की। आशा सहयोगिनी संघ की प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव के नेतृत्व में मेहगांव की एक सैंकड़ा आशा कार्यकर्ता अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आईं। वहीं मेहगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नारेबाजी कर आंदोलन किया। इस दौरान प्रदेश लक्ष्मी कौरव की आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं को लेकर बीसीएम आशीष सिंह से जमकर बहस हुई।


लक्ष्मी कौरव ने बीसीएम से आशा सहयोगिनी को दिए जाने वाले मानदेय में कटौती एवं पिछले एक साल के मानदेय में से सिर्फ दो महीने का मानदेय देने पर जमकर खरी खोटी सुनाई। बीसीएम ने बिना आदेश के ड्यूटी करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को गांव-गांव में सर्वे, निरीक्षण और कोविड जैसे जोखिम कार्यों में लगा दिया है, वहीं इनको दिया जाने वाला प्रोत्साहन भी नही दिया जा रहा है। आशा और सहयोगिनी पिछले लंबे समय से अपने निश्चित मानदेय एवं नियमितिकरण किए जाने के लिए भी संघर्षरत हैं, तो वहीं अधिकारियों द्वारा लगातार उनके मानदेय में कटौती तथा समय पर भुगतान न होना और बिना लिखित आदेश के ही काम पर लगा देना यह महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया है। इतना ही नहीं महिलाओं की आशा कार्यकर्ताओं का नवंबर और दिसंबर माह का संपूर्ण भुगतान गायब करके जनवरी से भुगतान प्रारंभ किया गया है। इस ओर ना ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जा रहा है ना ही विभाग द्वारा, यदि शीघ्र ही आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो आशा कार्यकर्ताओं के आंदोलन के कारण समस्त स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने की पूर्ण संभावना है।