ईश्वर हरेक को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है : मंगलेश्वरी

दंदरौआ धाम में श्रीराम कथा के दौरान हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 28 मार्च। मनुष्य जब घर गृहस्थी की गुफा से बाहर निकलेगा तभी उसे ईश्वर की भक्ति का अवसर प्राप्त होगा। संसार में कोई मनुष्य ऐसा नहीं है जो सुख और दुख नहीं पाता है लेकिन जो सद्कर्म करता है उसे अधिक सुख प्राप्त होता है और जो प्रकृति के विरुद्ध कार्य करता है उसे दुख की अधिक अनुभूति होती है। यह उद्गार श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में दंदरौआ धाम में श्रीराम कथा में प्रवचन करते हुए महामण्डलेश्वर कनकेश्वरी देवी की शिष्या मंगलेश्वरी देवी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि ईश्वर हरेक को उसके किए का फल उसके कर्मों के अनुसार देता है। इसलिए अपने धर्म और कर्म का खास ख्याल रखना जरूरी है। उन्होंने रामचरित मानस के अंश की व्याख्या करते हुए कहा कि मां सीताजी शांति और भक्ति की प्रतीक हैं। कथा यजमान श्रीमती सरोज अशोक द्विवेदी हैं। श्रीराम कथा एक अप्रैल तक चलेगी। इस अवसर पर राधिकादास वृंदावनधाम, रामबरन पुजारी, दिनेश शास्त्री जयनगर चौकोटी, परमात्मादास महाराज, अभिषेक शास्त्री, जलज त्रिपाठी, सौरभ दुबे, नारायण व्यास, गौरव दुबे, अभिषेक पुरोहित सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।