इन्द्रों ने कंधे पर पालकी में भगवान जिनेन्द्र को विराजमान कर निकाली शोभायात्र, महिलाओं ने नृत्य किया

शिंदे की छावनी स्थित जैन मन्दिर मे चल रहे सिद्धचक्र विधान के अतिंम दिन गाजे बाजे के साथ निकाली शोभायात्रा
इन्द्र-इन्द्राणियों ने जिनेन्द्र देव से की महायज्ञ से विश्वशांति की कामना

ग्वालियर, 17 मार्च। शिंदे की छावनी स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर में चले रहे आठ दिवासीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ महोत्सव के अतिंम दिन गुरुवार को प्रतिष्ठाचार्य चंद्रप्रकाश जैन चंदर के सानिध्य में 1024 महाअघ्र्य व विश्वशांति महायज्ञ कर भगवान जिनेन्द्र की विशाल शोभायात्रा गाजे-बाजे व धूमधाम के साथ निकाली गई।
शोभायात्रा से पूर्व पहले विधानचार्य चंद्रप्रकाश जैन के मार्गदर्शन में विधान के अतिंम दिन 1024 महाअघ्र्य मण्डल पर समर्पित कर विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें इन्द्र-इन्द्राणियों ने सामूहिक रूप से अग्नि कुण्ड में आहुति डालकर भगवान जिनेन्द्र से विश्वशांति की मनोकामना की।


जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि महायज्ञ के उपंरात भव्य शोभायात्रा श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर से गाजे-बाजे के साथ शुरू हुई, शोभायात्रा में इन्द्रों ने पीले वस्त्रों में अपने कंधे पर पालकी में भगवान जिनेन्द्र की प्रतिमा को विराजित कर भक्तिपूर्वक जयकारों के साथ शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ मुख्य मार्गों से होती हुई वापस मन्दिर पहुंची। शोभायात्रा में महिलाएं रंगमा रंगमा रे प्रभु तेरा थारे ही रंग में रंग गयो रे… बजे कुण्डलपुर में बधाई की नगरी में वीर जन्मे… जैन भजनों पर गरबा नृत्य करती हुई चल रही थीं। शोभायात्रा में सफेद वस्त्र पहने हुए युवा और पुरुष जैन धर्म के जयघोष लग रहे थे। लोगों ने घरों के आगे रंगोली सजाकर भगवान श्रीजी की भव्य आरती उतारी।

भगवान पाश्र्वनाथ का किया अभिषेक, वेदी पर विजारित की प्रतिमाएं

शोभायात्रा वापस कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर नीलेश जैन ने भगवान जिनेन्द्र की पूजा आर्चना कर अभिषेक व शांतिधारा कर प्रतिमा को वेदी पर विराजित किया।