जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को नजरबंद किए जाने के आदेश का हो रहा विरोध
भिण्ड, 17 फरवरी। हाईस्कूल और हायर सेकेण्ड्री छात्रों की बोर्ड परीक्षा शुरू होने के एक दिन पूर्व प्रशासन ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को थानों में नजरबंद करने का आदेश निकाला। जिसके विरोध में कांग्रेस जिला प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज ने बयान जारी करते हुए कहा कि थानों में शिक्षकों को नजरबंद करना शिक्षकों का अपमान है। भिण्ड कलेक्टर आदेश को वापिस लें और सार्वजनिक माफी मांगें, अगर जिला प्रशासन नकलमुक्त परीक्षा कराने में अक्षमता महसूस कर रही है तो जिला कलेक्टर जिम्मेदारी छोड़ कोई दूसरा सरल कार्य करें, अपनी खीजता दर्शाने के लिए विषय विशेषज्ञों का अपमान न करें।
इस सबके बावजूद गुरुवार को हायर सेकेण्ड्री परीक्षा में जिलेभर में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को थानों में नजरबंद किया गया। वहीं भिण्ड शहर में डाइट परिसर में मनीष शर्मा, धर्मेन्द्र बुधौलिया और सचिन पुरुवंशी इन तीन शिक्षकों को डाइट परिसर में बने हॉल में नजरबंद किया गया। तीनों शिक्षकों में इस बात को लेकर रोष नजर आया कि क्या शहर में सिर्फ हम तीन शिक्षकों को ही प्रशासन ने अंग्रेजी विषय का विशेषज्ञ माना है? जो सिर्फ हम तीन शिक्षकों को ही नजरबंद किया है। वहीं मेहगांव थाने में भी आधा दर्जन विषय विशेषज्ञ शिक्षकों नजरबंद किया गया।
नजरबंद शिक्षकों का आरोप- प्रशासन ने किया अपमान, पीने तक को नहीं मिला पानी

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षक मनीष शर्मा से जब संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि हम तीन शिक्षकों को सुबह आठ बजे ही डाईट परिसर के हॉल में नजरबंद कर दिया गया। हमें बोला गया था कि आप लोगों को सम्मान के साथ बैठाया जाएगा, लेकिन यहां तो सुबह से पानी तक नहीं दिया गया, ऐसा लग रहा है जैसे हम कोई शिक्षक नहीं बल्कि कोई अपराधी हों, क्या अच्छा शिक्षक या किसी विषय का विशेषज्ञ होना कोई गुनाह है? दूसरे शिक्षक धर्मेन्द्र बुधौलिया का कहना था कि हमें सुबह आठ बजे थाने में बुलाया गया था, हम लोग जब थाने पहुंचे वहां से निर्देश दिया कि डाईट में जाओ, तो हम लोग यहां आए, यहां हम लोगों को पुलिस कर्मियों द्वारा काफी टॉर्चर किया गया। अंदर नहीं आने दिया जा रहा था, लास्ट में एक अधिकारी साहब आए, तब हम अंदर आए।
यहां बताना चाहेंगे कि गुरुवार को हायर सेकेण्ड्री छात्रों का पहला पेपर था, जिसके लिए जिले में 60 केन्द्र बनाए गए थे, जिलेभर में हायर सेकेण्ड्री के कुल 14 हजार 99 छात्र/छात्राओं को पेपर देना था, परंतु 13 हजार 267 छात्र/ छात्राएंं ही उपस्थित हुए, 832 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। अंग्रेजी के पहले पेपर में जिलेभर में एक नकल प्रकरण बना। जिलेभर में एक नकल प्रकरण को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में परीक्षा केन्द्रों पर नकल पर नकेल कसी जा चुकी है। लेकिन विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को नजरबंद किए जाने से उक्त शिक्षक भी हीनभावना का शिकार हुए हैं, यही कारण है कि प्रशासन के इस रवैये से उक्त शिक्षकों में रोष व्याप्त है।