भिण्ड, 18 जनवरी। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने शासन की महत्वाकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में भौतिक लक्ष्य पूर्ति करने में लापरवाही बरतने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की एकीकृत बाल विकास परियोजना रौन सेक्टर जेतपुरा गुढ़ा की पर्यवेक्षक रीना राठौर, सेक्टर नौधा/ रायपुरा की पर्यवेक्षक रेनू चतुर्वेदी एवं सेक्टर गोरई की संविदा पर्यवेक्षक आरती सोलंकी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से कलेक्टर को प्रस्तुत करने को कहा है।
नोटिस में कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है, उक्त योजनातर्गत संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल से निर्धारित लक्ष्य अनुसार समस्त पात्र बालिकाओं को योजनातर्गत लाभ दिए जाने के निर्देश है जिसके संबंध में आपको आपके सेक्टर अंतर्गत समस्त पात्र बालिकाओं को निर्धारित समय सीमा में लाभ दिलाए जाने के निर्देश निरंतर प्रदान किए जाकर निर्धारित लक्ष्य पूर्ति किए जाने के निर्देश वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा आपको पत्र के माध्यम से एवं साप्ताहिक समीक्षा बैठकों में दिए जाते रहे हैं।
परियोजना अधिकारी रौन ने पत्र 30 दिसंबर 2021 द्वारा प्रस्तुत जानकारी में आपके सेक्टर अंतर्गत दिए गए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध लक्ष्यपूर्ति अत्यंत कम पाई गई है। इससे स्पष्ट है कि आपके द्वारा वरिष्ठ के आदेशों का पालन न किया जाकर शासन की महत्वाकांक्षी हितग्राही मूलक लाड़ली लक्ष्मी योजना में रुचि नहीं ली जा रही है। आपका उक्त कृत्य पदीय कर्तव्यों के निर्वहन एवं शासकीय निर्देशों की अव्हेलना का प्रतीक होकर मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-123 का स्पष्ट उल्लंघन का द्योतक है। इसलिए क्यों न आपके विरुद्ध मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा नियम नियम 1966 के नियम 10 (4) के तहत क्यों ना पर्यवेक्षक रीना राठौर एवं पर्यवेक्षक रेनू चतुर्वेदी की दो आगामी वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाए, साथ ही संविदा पर्यवेक्षक आरती सोलंकी का अनुबंध समाप्त किए जाने हेतु वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाए। आप सात दिवस में लक्ष्य के अनुरूप कार्य पूर्ण कर जारी उक्त कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में अपना लिखित जबाव पत्र प्राप्ति को सात दिवस में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला भिण्ड के माध्यम से कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करें नियत अवधि में कार्य पूर्ण न होने एवं समाधान कारक जबाव प्राप्त न होने की दशा में यह मानकर कि आपको कुछ नहीं कहना है, नियमानुसार एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।