समाज में प्रेम और करुणा का संचार ही स्नेह यात्रा का मुख्य लक्ष्य : स्वामी वेदतत्वानंद महाराज

मेहगांव विकास खण्ड के 10 गांवों में पहुंची स्नेह यात्रा

भिण्ड, 24 अगस्त। समाज न टूटे और सभी धर्मालंबियो के मध्य प्रेम, करुणा और परस्पर स्नेह रहे यही इस यात्रा का उद्देश्य है। यह बात समाज में हम सबको समझना होगा। हमारा देश हमें चलाना है यह संप्रभुता बनी रहे यह हमारी जिम्मेदारी है। हमारे अंदर ही ऐसे तत्व है जो विखण्डन की राजनीति करते हैं। इसलिए हम सबको जागरुक रहने की आवश्यकता है। स्नेह यात्रा का प्रधान लक्ष्य यही है कि हम सब एक दूसरे से प्रेम करें। हम सबको मानव जाति से प्रेम करना चाहिए। यह बात आचार्य शंकर न्यास पीठ से पधारे स्वामी वेदतत्वानंद महाराज ने श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जब हरि का भजन करके सब हरि के हो जाते हैं तो फिर जाति कहां रह जाती है। भक्त की कोई जाति नहीं होती हमें यह ध्यान रखना होगा। इसलिए आप सभी सारे द्वेष, विद्वेष और कटुता को भुलाकर आपस में स्नेह का मार्ग प्रशस्त करें। मध्यप्रदेश शासन की यही मंशा है, इसलिए यह स्नेह यात्रा है।
जिले में नौवें दिन मेहगांव विकास खण्ड में संचालित स्नेह यात्रा के दौरान ग्राम महदोली में स्वामी वेदतत्वानंद ने कहा कि हम आपस बटे जा रहे हैं और निरंतर टूट रहे हैं फिर भी हम एकजुट नहीं हो पा रहे हैं, यह भाव जब अधिक दिखा तो सरकार को स्नेह यात्रा का संचालन करना पडा। इस यात्रा का उद्देश्य सबको सम्मानता का भाव उत्पन्न करना है। इसलिए मप्र शासन द्वारा निकाली जा रही इस स्नेह यात्रा में आप सभी लोग इसकी मूल अवधारणा को समझकर कार्य करें। भगवान ने सबको समान अवसर दिए हैं। जब ईश्वर ने भेदभाव नहीं किया तो आप कैसे कर सकते हैं। इसलिए हमें जातियों से ऊपर उठकर सोचना होगा।
इन गांवों में पहुंची स्नेह यात्रा
उक्त यात्रा मेहदोली, लालपुरा, चपरा, मानपुरा, सौधा, गुगरिखी, सिलोली, बरासो धोरका, गहेली होते हुए अमायन पहुंची, जहां रात्रि विश्राम और सहभोज हुआ।