नाबालिगा से सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को आजीवन कारावास

सागर, 18 अगस्त। तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला-सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपीगण मिंटू अहिरवार एवं खचोरी रजक को दोषी करार देते हुए धारा 363 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376डी(ए) भादंवि, 5जी/6 पाक्सो अधिनियम के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। प्रकरण में बालिका के पुनर्वास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में चार लाख रुपए प्रतिकर दिए जाने का आदेष किया गया है। मामले की विवेचना एसडीओपी खुरई सुमित केरकेट्टा एवं पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की तथा आरक्षक रामरमन कुर्मी ने विचारण में सहयोग किया।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 21 मार्च 2021 फरियादिया ने रिपोर्ट लेख कराई कि 20 मार्च से पीडिता अपने घर वापस नहीं आई है, जिसका आस-पास पता करने पर उसका कोई पता नहीं चला। पीडिता के गुम हो जाने के संबंध में धारा-363 भादंवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान पीडिता को दस्तयाब किया गया, पीडिता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने कथनो में बताया कि दो लडके काले रंग की मोटर साइकिल से जबरजस्ती गांव में ले गए और उन दोनों ने उसके साथ गलत काम किया था। विवेचना के दौरान फरियादी एवं साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना खुरई पुलिस ने धारा 363, 376 डी(ए), 354(क) भादंसं एवं धारा 5(जी), 6, 9(जी), 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(1)(डब्ल्यू)(आईआई), 3(2)(व्ही-ए), 3(2)(व्ही) अजा व जजा (अत्याचार निवारण)अधिनियम 1989 का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।