नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास

सागर, 18 अगस्त। प्रथम अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) बीना, जिला सागर निर्मल मंडोरिया की अदालत ने शादी का झांसा देकर नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी देवीसिंह पुत्र उमराव आदिवासी को दोषी करार देते हुए धारा 3(क), सहपठित धारा 4(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्यामसुंदर गुप्ता ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी (पीडिता के पिता) ने थाना बीना में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि छह जुलाई 2021 के सुबह करीब पांच बजे की बात है। उसकी 15 वर्षीय लडकी (पीडिता) घर से बिना बताए कहीं चली गई है। जिसकी तलाश आस-पास के गांव व रिस्तेदारों में की गई, परंतु उसका कोई पता नहीं चला। उसे शंका है कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी पुत्री को बहला-फुसला कर भगा कर ले गया है। आठ जुलाई को अपहृता (पीडिता) के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि आरोपी देवीसिंह उसे शादी का बोलकर साथ ले गया और वहीं पर आरोपी ने कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बीना पुलिस ने धारा 366ए, 376, 376(3), 376(2)(एन) एवं 5(एल)/6 पाक्सो अधिनियम का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत प्रथम अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) बीना निर्मल मंडोरिया के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।