पेपर लीक मामले में हाईस्कूल फूफ का शिक्षक निलंबित

भिण्ड, 08 दिसम्बर। जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड हरभुवन सिंह तोमर ने परीक्षा जैसे अतिमहत्वपूर्ण गोपनीय कार्य की गोपनीयता भंग करने पर शा. उमावि फूफ के माध्यमिक शिक्षक कमलेश श्रीवास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी भिण्ड मुख्यालय नियत किया गया है।
ज्ञात हो कि समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार अनुसार कस्बा फूफ में कक्षा 12वीं की अर्धवार्षिक परीक्षा वर्ष 2021 विषय गणित का प्रश्नपत्र होने का चार दिसंबर से एक दिवस पूर्व तीन दिसंबर को ही सोशल मीडिया के माध्यम से लीक हुआ, जिसकी शिकायत छात्र-छात्राओं द्वारा पुलिस थाना फूफ में भी दर्ज कराई गई। यहां बता दें कि शासकीय हाईस्कूूल फूफ के परीक्षा कक्ष प्रभारी माध्यमिक शिक्षक कमलेश श्रीवास हैं, वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त प्रश्न पत्र उनके संरक्षण एवं निगरानी में ही रहते हैं। साथ ही शिक्षक कमलेश श्रीवास का पुत्र ऋषि श्रीवास छात्र छात्राओं को बिना अनुमति के ट्यूशन पढ़ाता है। उसके द्वारा ही उक्त पेपर सोशल मीडिया पर अपलोड कर लीक किया गया है। उस ग्रुप का एडमिन भी ऋषि श्रीवास है। शिक्षक कमलेश श्रीवास द्वारा परीक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण गोपनीय कार्य की गोपनीयता भंग कर परीक्षा अधिनियम 1937 के उपनियमों का उल्लंघन किया गया है। उनका उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम-1965 उपनियम 1, 2, 3 के तहत कदाचार की श्रेणी में होकर दण्डनीय है। इसलिए शासकीय हाईस्कूल फूफ के माध्यमिक शिक्षक कमलेश श्रीवास को परीक्षा अधिनियम 1937 के उपनियमों के अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया कर दिया गया है।

डीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी

भिण्ड। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड हरभुवन सिंह तोमर को पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता बरतने के कारण, कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दो दिवस के अन्दर समक्ष में उपस्थित होकर नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। कलेक्टर ने नोटिस में कहा है कि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आयोजित भिण्ड जिले का हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी अद्र्धवार्षिकी परीक्षा का पेपर गोपनीय न रहकर सोशल मीडिया के माध्यम से लीक हो जाने से जिले की छवि धूमिल हुई है। कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण) नियम का उल्लंघन है। इस कृत्य से आपकी लापरवाही एवं उदासीनता जाहिर होती है, अत: क्यों न आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाए।