कलेक्टर ने जारी किया आदेश
भिण्ड, 06 दिसम्बर। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चार दिसंबर को अपरान्ह त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2021-22 के चुनाव की घोषणा जा चुकी है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही भिण्ड जिले में राजनैतिक पार्टियों तथा व्यक्तियों द्वारा जुलूस, जनसंपर्क आमसभाएं इत्यादि गतिविधियां तेजी से प्रारम्भ कर दी हैं, जिसमें काफी अधिक संख्या में व्यक्ति सम्मिलित हो रहे हैं।
चूंकि भिण्ड जिला कानून और व्यवस्था की दृष्टि से अति संवेदनशील जिला होने के कारण जन समूह के एक स्थान पर जमा होने, जुलूस निकालने, राजनैतिक दलों/ व्यक्तियों द्वारा जन समूह के मध्य उत्तेजक वक्तव्य देने की आशंका से जन आक्रोश उत्पन्न होकर कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध शस्त्र लेकर चलने से कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका भी है। भिण्ड जिले में पूर्व में हुए निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों तथा उनके समर्थकों द्वारा मतदाताओं तथा मतदान दलों को आतंकित करने तथा मतदान केन्द्रों पर हिंसाजनित कार्रवाई करने से कानून व्यवस्था भंग होने से संबंधित घटनाएं घटित हो चुकी हैं। ऐसी स्थिति में लाईसेंसी शस्त्रों का दुरुपयोग संभाव्य है क्योंकि भिण्ड जिले में काफी अधिक संख्या में लायसेंसी शस्त्रधारी हैं। ऐसे में शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष निर्वाचन संपन्न कराने के लिए लायसेंसों पर दर्ज शस्त्रों का नियमन अत्यावश्यक है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. सतीश कुमार एस ने उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए उच्च न्यायालय मुंबई के आदेश के पालन कम अनुसार आयुध अधिनियम की धारा 17 (3)ख में निहित प्रावधानों को प्रयोग में लाते हुए भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर समस्त लाईसेंसी शस्त्र धारकों के निर्धारित फार्म (3) और (5) में जारी सभी प्रकार के शस्त्र तत्काल प्रभाव से 23 फरवरी 2022 तक निलंबित कर दिए हैं। सभी लाईसेंसी शस्त्रधारियों को आदेशित किया गया है कि वह अपना शस्त्र संबंधित थानों में 12 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से जमा करें। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति की शस्त्र अनुज्ञप्ति आयुध अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आयुध अधिनियम, भारतीय दण्ड संहिता तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत भी दण्डात्मक कार्रवाई पृथक से प्रचलित की जाएगी।