टीबी मरीजों को पोषण सहायता उपलब्ध कराने जिला न्यायाधीश बने नि-क्षय मित्र

– भारत विकास परिषद के सहयोग से जिला क्षय केन्द्र पर 30 टीबी मरीजों को फूड बास्केट उपलब्ध कराई

भिण्ड, 16 अक्टूबर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी मरीजों को अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस यादव के निर्देशन में एवं जिला क्षय अधिकारी डॉ. डीके शर्मा की निगरानी में इस अभियान का संचालन जिले में किया जा रहा है। जिले में टीबी का इलाज से रहे टीबी मरीजों को शासन की निक्षय पोषण योजना के तहत एक हजार रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त टीबी मरीजों को पोषण सहायता प्रदान करने हेत नि-क्षय मित्र अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कोई भी इच्छुक व्यक्ति नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मरीज की 6 माह तक भोजन, पोषण या अन्य आवश्यक सहयोग की जिम्मेदारी ले सकते हैं। नि-क्षय मित्र बनने के लिए नि-क्षय पोर्टल पर अपनी जानकारी अद्यतन कर पंजीकरण किया जा सकता है तथा पंजीकरण उपरात अपने नजदीकी क्षेत्र में टीबी की बीमारी का इलाज ले रहे किसी मरीज की सहायता उसका नि-क्षय मित्र बनकर कर सकते हैं।
नि-क्षय मित्र अभियान के अंतर्गत जिला क्षय केन्द्र भिण्ड में न्यायाधीश कौशल किशोर वर्मा, जिला विधिक प्राधिकरण सचिव अनुभूति गुप्ता, विधिक सेवा लीगल एवं विधिक प्रमुख हनुमंत बौहरे, भारत विकास परिषद से राजमणि शर्मा, राजीव त्रिपाठी, आकाश सैंथिया, जयप्रकाश शर्मा ने नि-क्षय मित्र बनकर जिले के 30 टीबी मरीजों को पोषण सहायता अंतर्गत फूड बास्केट प्रदान की।
जिला विधिक प्राधिकरण सचिव अनुभूति गुप्ता ने जिला क्षय केन्द्र पर आयोजित विधिक साक्षरता अभियान के अंतर्गत विधिक सेवा की जानकारी देते हुए बताया कि जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा जिले में कोई भी व्यक्ति न्यायिक सहायता नि:शुल्क प्राप्त कर सकता है। साथ ही सभी को अपने न्यायिक अधिकारों के प्रति जागरूकत रहने की सलाह दी। जिला न्यायाधीश कौशल किशोर वर्मा ने बताया कि टीबी एक गभीर बीमारी है, मगर लाइलाज बीमारी नहीं है। अगर टीबी का इलाज नियमानुसार लिया जाये तो इसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि निक्षय मित्र अभियान एक ऐसा अनोखा प्रयास है, जिसमें समाज के हर वर्ग के लोग व्यापारी अधिकारी सामाजिक संगठन, छात्र, आम नागरिक सब मिलकर टीबी मरीजों की मदद कर सकते हैं।
इस मौके पर जिला क्षय अधिकारी डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि आज हमने यहां पर नव-पंजीकृत टीबी मरीजों को फूड बास्केट वितरित किए हैं। इन फूड बास्केट में अनाज, दाल भुने हुए चने मूंगफली तथा अन्य पौष्टिक सामग्री दी गई है, ताकि मरीजों को उचित पोषण मिल सके और उनका शरीर इस बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत बन सके। टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते समय पर दवा एवं पोषण टीबी मरीज को निस्तर रूप से मिलता रहे। आप किसी मरीज को अपना निक्षय मित्र बनाकर उसकी 6 महीने तक भोजन, पोषण या अन्य आवश्यक सहयोग की जिम्मेदारी ले सकते हैं।