भिण्ड, 07 जुलाई। मोहर्रम के अवसर पर दबोह नगर में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा ताजियों का जुलूस निकाला गया। जिसमें मुस्लिम समाज के हर उम्र के लोग के सहित बडी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। सबसे पहले सभी ताजिये गणेश चौक पर एकत्रित हुए जहां पर उनका पर फतवा पढकर देश, प्रदेश में अमन चैन, शांति की दुआ मांगी गई। इसके बाद सभी ताजिये बस स्टैण्ड, यादव गली, रीक्षा मोहल्ला, पुरानी हाट, कजियाना मोहल्ला होते हुए देर रात कर्बला करधेन तालाब पहुंचे, जहां उन्हें नम आंखों से दफन किया गया।
नगर में ताजिये के साथ सभी वर्ग के लोग ढोल-नगाडों पर थिरकते नजर आए, कुछ मुस्लिम लोगों ने नगर में कई जगह स्टाल लगाकर खाने पीने की व्यवस्था की थी। इस्लामिक मान्यता है कि आज से करीब 1400 साल पहले इराक के कर्बला की लडाई में इमाम हुसैन और उनके नवासे सहित करीब 72 साथी शहीद हुए थे। जिन्हें लडाई में बच्चों और परिवार को भूखा, प्यासा रखा गया था। कर्बला की लडाई में इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाया था। मुस्लिम समाज इस माह को मोहर्रम भी कहते है और उनके लिए यह माह का बहुत महत्व माना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर हिजरी सावन का पहला महीना होता है। इस माह में इमाम हुसैन की याद में ताजिये बनाकर उनकी शहादत का शोक मनाते है।
मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष रफीक खां (भाई जान) ने कहा कि दबोह में मोहर्रम का त्यौहार बडे स्तर से मनाया जाता है, यहां के लोगों में कोई मतभेद नहीं रहता है, हिन्दू भाई हमारे त्यौहारों में शरीक होते हैं तो वहीं हम हिन्दुओं के त्यौहार को अपना समझ कर मनाते हैं। उन्होंने बताया कि हम खुश नसीब हैं जो हमने भारत में जन्म लिया और अल्लाताला से दुआ मागंते हैं कि हमें जब भी जन्म मिले तो हिन्दुस्तान में मिले। ताजियों के जुलूश शांति से निकले इसके लिए दबोह थाना प्रभारी राजेश शर्मा उपलब्ध फोर्स के साथ मौजूद रहे। वहीं मंगल पठान, कल्लू पठान, दाऊत खां, सलीम खां के अलावा सब्जी फरोस के अलग अलग स्टाल लगाए गए थे।