हिन्दी भाषा में पत्रकारिता समाज के लिए अनुपम उपहार है : पाठक

भिण्ड, 29 मई। राष्ट्रभाषा हिन्दी में पत्रकारिता समाज के लिए अनुपम उपहार है, इससे न सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान प्रभावशाली तरीके से होता है बल्कि हिन्दी भाषा की गरिमा भी बनी रहती है। यूं तो वर्तमान में भारत देश में विभिन्न भाषाओं का प्रचलन है और समाचार पत्र भी विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित हो रहे हैं। परंतु हिन्दी भाषा में पत्रकारिता करना अपने आप में अत्यंत चुनौतियों से पूर्ण कार्य है। हिन्दी भाषा के लेख जनमानस पर सटीक प्रभाव छोडते हैं और अंतरात्मा को भाषाई ज्ञान से तृप्त भी करते हैं। जहां एक और अंग्रेजी भाषा के लेख का दायरा वैश्विक है, इसी प्रकार हिन्दी के उत्कृष्ट लेख भी संपूर्ण विश्व में पढे जा रहे हैं। यह विचार भारत विकास परिषद उत्तर प्रांत के प्रांतीय गतिविधि संयोजक श्रवण कुमार पाठक ने भारत विकास परिषद शाखा जागृति द्वारा हिन्दी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित वैचारिक गोष्ठी में जमुना नगर में कही। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता और मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
शाखा अध्यक्ष गगन शर्मा ने स्वागत उदवोधन एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि 30 मई 1826 में भारत का प्रथम समाचार हिन्दी समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड का प्रकाशन किया गया, जो कि बहुत ही मुश्किलों भरा था। लेकिन तब से लेकर अब तक हिन्दी पत्रकारिता निरंतर बुलंदियों पर है। इस अवसर पर शाखा जागृति के सदस्यों ने भिण्ड में हिन्दी पत्रकारिता को अपना लंबा समय देकर जनमानस की आवाज को बुलंद करने में सहयोग करने वाले वरिष्ठ पत्रकार भानु श्रीवास्तव का शॉल, श्रीफल एवं माल्यार्पण से सम्मान किया। इस अवसर पर भानु श्रीवास्तव ने कहा कि ईमानदार पत्रकार सदैव संघर्ष की राह अपनाते हैं, वह किसी के दबाव में या किसी के प्रभाव में कार्य नहीं करते, बल्कि तटस्थ एवं निष्पक्ष होकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी कलम चलाते हैं ।
हिन्दी पत्रकारिता के महत्व को बताते हुए शाखा के सदस्य राधेगोपाल यादव ने कहा कि भारत विश्व की तीसरी भाषा है, हमें इस बात का गर्व है। शाखा जागृति की महिला सहभागिता प्रमुख मुदिता भारद्वाज ने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा ही नहीं हमारी संस्कृति और सभ्यता भी है। जिस प्रकार भारतीय नारी के लिए उसके माथे की बिंदी का महत्व है, उसी प्रकार भारत में हिन्दी का स्थान है। शाखा के वरिष्ठ सदस्य पवन जैन ने अपनी कविता के माध्यम से अपने विचार रखे। इस अवसर पर देवकांत बरुआ, राहुल श्रीवास, ओम नारायण ओझा, प्रियंका शुक्ला, शारदा जैन, अरुना पाठक, शाखा सचिव सोनिया अग्रवाल, कोषाध्यक्ष एडवोकेट अंजू गुप्ता, रामनरेश सिंह, सोम सिंघई एवं अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार रखें। उपस्थित सभी शाखा सदस्यों ने हिन्दी पत्रकारिता को बढाने के लिए हिन्दी समाचार पत्रों को स्वयं एवं अन्य के घरों तक पहुंचने के लिए संकल्प लिया।