ग्वालियर, 09 मई। आपातकालीन स्थितियों को देखते हुए नगर निगम ग्वालियर द्वारा शहर के प्रमुख स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार शहर के लगभग 42 स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाए जा रहे हैं।
अपर आयुक्त विजय राज ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम आयुक्त संघप्रिय के निर्देशानुसार आपातकालीन स्थितियों को देखते हुए नगर निगम ग्वालियर द्वारा शहर के प्रमुख स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिसके तहत कलेक्टर कार्यालय ओहदपुर, एजी ऑफिस, सिरौल थाना कॉलोनी, गोविंदपुरी मिलेनियम प्लाजा, पुलिस कंट्रोल रूम, आकाशवाणी, थाटीपुर हाऊसिंग बोर्ड मल्टी, होटल एम्बियंस, गांधी रोड पानी की टंकी, तानसेन नगर जोन ऑफिस, सांई मन्दिर खेडापति कॉलोनी, हॉकी स्टेडियम, फूलबाग पार्क, कटी घाटी, होमगार्ड ऑफिस, ट्रांसपोर्ट नगर, पुरानी छावनी, मानपुर मल्टी, हजीरा चौराहा शिवहरे कॉम्प्लेक्स, किला गेट थाना, किला गेट, गोला का मन्दिर एमआईटीएस, डीडी नगर महाराजा कॉम्प्लेक्स जोन ऑफिस, सीएम राईज विक्रमपुर, पिंटो पार्क, आदित्यपुरम, एमेटी यूनिवर्सिटी, सागर पैराडाइज, सदर बाजार जेडओ ऑफिस, एमएच चौराहा, बडागांव खुरैरी चौकी, पुराना जिला पंचायत कार्यालय, पीएनटी कॉलोनी, सिंधी कॉलोनी चौराहा, अवाडपुरा, सिकंदर कंपू, केआरजी कॉलेज, एमएलबी ओल्ड हाईकोर्ट, महाराज बाडा, गोल पहाडिया पुलिस चौकी, चिरवाई नाका, माधव कॉलेज नई सडक आदि स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने का कार्य तेज गति से किया जा रहा है।
शहर के चौराहों पर ध्वनि सूचना यंत्र लगाने हेतु सभापति तोमर ने लिखा निगमायुक्त को पत्र
सभापति मनोज सिंह तोमर ने आपात स्थिति में तत्काल शहर वासियों पर सूचना पहुंचे इसके लिए शहर में आवश्यकतानुसार चौराहों आदि स्थानों पर ध्वनि सूचना सायरन लगाए जाने के लिए नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया है। सभापति तोमर ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि वर्तमान में देश आपदा की संभावित स्थिति से गुजर रहा है, जिसके लिए निगम सीमा में निवासरत परिवारों का आपात स्थिति की अग्रिम सूचना हेतु ध्वनि सूचना (सायरन) लगाए जाने की प्रक्रिया विचाराधीन है। पूर्व में भी निगम मुख्यालय (बाडा), मोती महल कार्यालय, कार्यशाला, आमखो, जेसी मिल, मंघाराम फैक्ट्री आदि औद्योगिक एवं श्रमिक संस्थानों में समय सूचना हेतु समय-समय पर ध्वनि-सूचकांक स्थापित होकर बजाए जाते रहे हैं। अत: नगर के हित में मेरा सुझाव है कि पूर्व की भांति संस्थानों के ध्वनि सूचकांक (सायरन) पुन: प्रारंभ कराते हुए आवश्यकतानुसार चौराहों आदि पर लगाए जाने की व्यवस्था की जाना उचित होगा किन्तु ध्यान रहे कि आवश्यकता पडने पर (ध्वनि के विस्तार मापदण्ड अनुसार) संपूर्ण निगम सीमा में ध्वनि सुनाई दे। उक्त व्यवस्था में आने वाली व्यय राशि अध्यक्ष (सभापति) निधि से खर्च किए जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।