ग्वालियर, 09 मई। नरवाई प्रबंधन की दिशा में ग्वालियर के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा नई पहल की गई है। जिले में खेत में ही फसल अवशेष अर्थात नरवाई जलाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सूक्ष्म जैवकीय संभाग से पूसा बायोडिकम्पोजर मंगाकर किसानों की मौजूदगी में खेतों पर नरवाई प्रबंधन का काम शुरू किया गया है।
इस क्रम में डबरा विकासखण्ड के ग्राम बडकीसराय में कृषक बलविंदर सिंह के खेत पर बायोडिकम्पोजर से गेहूं की नरवाई का प्रबंधन करके दिखाया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेन्द्र सिंह कुशवाह व डॉ. राजीव सिंह चौहान ने बताया कि बायोडिकम्पोजर के नए फोर्मूलेशन (डब्ल्यूपी) का सीधा घोल तैयार करके गेहूं की नरवाई पर छिडकाव करके सफल नरवाई प्रबंधन किया जाता है। नरवाई प्रबंधन की यह पद्धति अत्यंत कारगर है।