शा. महाविद्यालय आलमपुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 08 मार्च। शा. महाविद्यालय आलमपुर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सेवानिवृत शिक्षक रामनारायण द्विवेदी एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सेवानिवृत्त शिक्षक सीताराम गुप्ता ने की।
मुख्य अतिथि द्विवेदी ने कहा कि भारत में नारी शक्ति को प्रारंभ कल से ही सम्मान मिला है। यहां सावित्री, दुर्गावती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई जैसी महिलाएं हुईं, जो स्वयं सशक्त थीं और महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नारी को सशक्त बनने के लिए अपनी शक्ति को पहचानना होगा। अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार सीताराम गुप्ता ने कहा कि नारी के तीन रूप हैं- बेटी, बहू एवं माता। उसके सभी रूप पूज्य हैं। उसके बिना सृष्टि का प्रत्येक अंग अधूरा है। नारी को समाज में पर्याप्त सम्मान मिलना चाहिए। समाज में सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए। वह प्रिया है सृष्टि का श्रृंगार है। नारी के बिना नर अधूरा है। वह आज हर एक क्षेत्र में आगे बढ रही हैं। चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो, समाज का हो, स्वास्थ्य का हो, इंजीनियरिंग का हो और सुरक्षा का हो।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉॅ. भगवान सिंह निरंजन ने कहा कि भारत में वैदिक काल में स्त्री की प्रधानता थी। बाद में समाज पुरुष प्रधान हो गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई जहां महिलाओं ने शुष्क विरोध में आवाज उठाई। औद्योगिक क्रांति के समय महिलाओं को कम पारिश्रमिक मिलता था। भारत में महिलाओं को पिता की संपत्ति में भागीदारी का अधिकार नहीं था। लडकियों के साथ, महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता था। भारतीय महिलाओं ने भी समानता और समाज में महिलाओं की भागीदारी सम्मान मिले। इसके लिए आंदोलन किए। शासन में उनकी भागीदारी बडे इसके लिए सरकार ने प्रयास किए हैं महिलाओं को रिजर्वेशन दिया जा रहा है। महिलाएं आगे बढे इस हेतु पुरुष को स्त्री का सहयोगी, मित्र सखा बनना होगा।
उन्होंने पंतजी की एक पंक्ति को का उदाहरण देते हुए कहा कि पंतजी नारी की स्वतंत्रता के पक्षधर थे। पंतजी की पंक्ति दोहराई- मुक्त करो, नारी को मानव, मुक्ति करो नारी को, चिर बंदिनी नारी को, युग युग की निर्मम कारा से,जननी सखी प्यारी को। मुक्त करो नारी को, मानव मुक्ति करो नारी को। कार्यक्रम में महाविद्यालय के रसायन शास्त्र के प्राध्यापक संजय नायक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। महाविद्यालय में रसना चौहान और सानिया कुशवाह ने ओजस्वी उद्वोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन अनिल चौधरी ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।