मां रणकौशला धाम का इतिहास पुराना है : डॉ. निराला

-श्रीमद् भागवत कथा में आध्यात्मिक कवि सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 05 फरवरी। मां रणकौशला धाम अमाहा दबोह की स्थापना महोबा बुंदेलखण्ड के चंदेल वंशी राजा परमर्दिदेव के वीर सेनापति मलखान ने करवाई थी। यह बात मां रणकौशला धाम रेहकोला मन्दिर अमाहा दबोह में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दौरान आयोजित आध्यात्मिक उजास कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला भिण्ड ने कही।
उन्होंने कहा कि लोककवि जगनिक द्वारा लिखित परमाल रासो (आल्हा) में विवरण मिलता है कि वीर सेनापति मलखान दबोह के समीप स्थित सीमांत चौकी सिरसा गढी में रहते थे। मां रणकौशला उनकी कुलदेवी थीं। अमाहा से सिरसा गढी तक 101 शिवलिंग स्थापित हैं, किन्तु देख-रेख के अभाव में इनकी पहचान विलुप्त होती जा रही है। कवि सम्मेलन का आयोजन राजेन्द्र खेमरिया के प्रयास से मन्दिर प्रबंधन समिति ने किया। इसकी अध्यक्षता डॉ. हरनारायण पाराशर दबोह ने की। कवि सम्मेलन में लहार से जितेन्द्र त्रिपाठी अमित, आलमपुर से हरिनारायण हिण्डोलिया, स्योढा से अनुभवी महेरे, भाण्डेर दतिया से गोविन्द भदौरिया, भिण्ड से सतेन्द्र सिंह बबेडी तथा मुरैना से विपिन तोमर साहिल ने कविता पाठ किया।