कमजोर विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं में पास कराने मिशन विजय पथ जारी

अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर विद्यार्थियों को दिए जा रहे हैं परीक्षा में पास होने के टिप्स
जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी कर रहे हैं मॉनीटरिंग
रोली-चंदन का टीका लगाकर बच्चों को किया जा रहा है प्रोत्साहित

ग्वालियर, 08 फरवरी। बोर्ड परीक्षाओं में पिछले साल जिले के जिन सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम अपेक्षाकृत अच्छे नहीं रहे हैं, साथ ही जो बच्चे पढाई में कमजोर हैं, उन्हें इस साल की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के लिए जिले में मिशन विजय पथ चलाया जा रहा है। जिसके तहत अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जा रही हैं। साथ ही शिक्षकों द्वारा पढाई में कमजोर बच्चों के माथे पर रोली-चंदन के टीके लगाकर उन्हें पढाई के लिऐ प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने इसके लिए विशेष रणनीति बनाई है। जिसके तहत चिन्हित स्कूलों में विशेष कक्षाएं लगाई जा रही हैं। साथ ही जिले भर के सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं में अध्ययनरत ऐसे बच्चों की विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से अतिरिक्त पढाई कराई जा रही है। इस कडी में शनिवार को शा. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हस्तिनापुर, बेहट, शा. हाईस्कूल सौसा व गणेशपुरा सहित जिले के अन्य स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं लगाई गईं और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों ने विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में पास होने की बारीकियां समझाईं।
कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों को इस काम की मॉनीटरिंग व मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिला स्तरीय अधिकारी हर दिन उन स्कूलों में पहुंचें, जिनकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। साथ ही कहा है कि भ्रमण के दौरान मॉनीटरिंग के साथ-साथ उचित मार्गदर्शन भी दें। कलेक्टर चौहान ने सभी एसडीएम से भी कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में इस पुनीत कार्य का नेतृत्व कर यह सुनिश्चित करें कि हर जरूरतमंद बच्चे को उचित मार्गदर्शन मिल जाए और वह मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में पास हो सकें।
जिले के सभी सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षा में अध्ययनरत ऐसे बच्चों का चिन्हांकन कराया गया है, जो पढाई में कमजोर हैं। इन बच्चों को पढाने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाने के साथ-साथ वॉट्सएप ग्रुप भी बनाए जा रहे हैं, जिन पर पढाई का मटेरियल शेयर किया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए पिछले सालों के प्रश्न-पत्र व मॉडल पेपर भी शिक्षकों द्वारा हल कराए जा रहे हैं। 10वीं व 12वीं कक्षा के शिक्षकों को विभिन्न परीक्षाओं की ड्यूटी से मुक्त कर इस काम में लगाया गया है। बच्चों को पढाने के लिए हर दिन दो विषय के तीन-तीन घंटे के पढाई सेशन रखने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।