भिण्ड, 26 अक्टूबर। पुरानी पेंशन योजना बहाल किए जाने की मांग विद्यालयीन शिक्षक संघ 24 अगस्त को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकृत एकीकृत पेंशन योजना यूपीएस की निंदा करते हुए कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के उनके पूर्व अधिकार से वंचित करने का एक और संदिग्ध और हताशा भरा प्रयास है। यह बात प्रेस को जारी बयान में संघ के संभागीय संयोजक पुरुषोत्तम श्रीवास ने कही।
उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन योजना गैर योगदानकारी थी सिविल सेवा नियम 1972 के अनुसार 2021 तक निश्चित पेंशन मौजूद थी। सरकार ने जनवरी 2004 में भर्ती किए गए लोगों के लिए एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से गुप्त रूप से राष्ट्रीय पेंशन योजना एमपीएस शुरू की थी। फरवरी 2014 में अधिसूचित पेंशन फंड विन्यामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 ने एनपीएस के लिए वैधानिक आधार तैयार किया था नई सरकार सट्टे बाद पूजी पतियों के हितों की रक्षा के लिए अपने नव उदारवादी प्रयास के साथ इस यूपीएस को लेकर आई, जिसमें सरकार की ओर से 4.5 फीसदी योगदान के साथ लाभ में संशोधन किया गया ताकि एनपीएस के तहत 31 जुलाई 2024 तक कुल 99 लाख 77 हजार 165 कर्मचारियों के प्रबंधन के तहत पर संपत्ति 10 लाख 53 हजार 850 पेंशन फंड का शेयर बाजार में निवेश किया जा सके।
यूपीएस में कर्मचारियों को 25 साल की सेवा पूरी करने के बाद 60 वर्ष की समान सेवानिवृत्ति पर 12 महीने का औसत मूल्य वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा जहां तक यूपीएस में 25 साल की सेवा करने बाले कर्मचारियों को अनुपातिक रूप से कम पेंशन मिलेगी, 20 साल की सेवा कर्मचारियों को 12 महीने के औसत मूल वेतन का 40 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा 10 साल की सेवा के लिए कर्मचारियों के पेंशन के रूप में औसतन मूल वेतन का केवल 20 फीस दी है सेवारत कर्मचारियों के मामले में उपभोक्ता मूल सूचकांक के आधार पर सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन के लिए डीएआर दिया जाएगा। नया आधार सूचकांक शुरू करेंगे। विद्यालयीन शिक्षक संघ केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह गैर अंशुदाई परिभाषित सुनिश्चित पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।