सुहागिनों ने करवा चौथ पर व्रत रख की पति की लंबी आयु की कामना

– चन्द्रमा के दर्शन कर अघ्र्य देकर की पूजा-अर्चना

भिण्ड, 20 अक्टूबर। करवा चौथ के अवसर पर रविवार को सुहागिन महिलाओं ने अखण्ड सौभाग्य एवं सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति के निर्जला व्रत रखा। रात को चांद को अघ्र्य देने के बाद पति के हाथ से पहला निवाला लेकर व्रत खोला।
जिले में सुहागिन महिलाओं द्वारा करवा चौथ का व्रत उत्सव विधि विधान से मनाया गया। भारतीय सनातन संस्कृति की परंपरा के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का निर्जला व्रत रखा जाता है। शाम को महिलाएं अपने-अपने घरों में एकल तथा सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर अपने पति की लम्बी उम्र एवं अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने की कामना करती हैं। इसके उपरांत रात को चांद को अघ्र्य देने के बाद पति के हाथ से अपना व्रत तोडती हैं।

सुहागिन महिलाओं के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण व्रत उत्सव है। भारतीय सनातन संस्कृति की परंपरा के अनुसार करवा चौथ का दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलाह श्रृंगार कर अपनी पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत करती हैं और रात में चंद्रमा को जल देकर अपने व्रत को खोलती है। करवा चौथ का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन की तैयारी महिलाएं बहुत पहले से शुरू कर देती हैं, दीपावली उत्सव से पहले पडने वाले इस वृत के लिए पूरे बाजार में रौनक आ जाती है, जगह-जगह करवा व सींख बेचने के स्टाल लग जाते हैं।