बुजुर्ग दंपत्ति बने कर्मठता का पर्याय
भिण्ड, 11 जुलाई। श्रीमद भगवत गीता हमें कर्म करने का उपदेश देती है, हमें सदैव अपने कर्म और कर्तव्य को करते रहना चाहिए, क्योंकि अगर हम कर्म करते रहेंगे तो हम तन से मन से और धन से मजबूत बने रहेंगे और किसी पर बोझ नहीं बनेंगे और यदि हम किसी पर बोझ नहीं बनते तो वास्तव में समाज को मजबूत करते हैं, यही वास्तविक समाजसेवा है। यह बात 83 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक हेमचंद्र जैन ने भाविप जागृति शाखा भिण्ड के तत्वावधान में भारत विकास परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सदर बाजार स्थित उनके कार्य स्थल पर जाकर बुजुर्ग दंपत्ति हेमचंद जैन एवं शकुंतला जैन का तिलक वंदन, माल्यार्पण, वस्त्र एवं श्रीफल देकर सम्मान किया ।
भारत विकास परिषद शाखा जागृति की अध्यक्ष ऊषा नगरिया ने बताया की हेमचंद जैन इस उम्र में भी आत्मनिर्भर हैं, वे बाजार में नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर लस्सी की दुकान चलाते है, उनसे हमें प्रेरणा मिलती है। अरुणा पाठक ने बताया कि हेमचंद जैन घर-परिवार से संपन्न है, उनके बेटे कुशल व्यवसाई हैं, इसके बावजूद भी जैन साहब स्वयं आत्मनिर्भर हैं, किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते और हम सबको यह संदेश देते हैं कि हमें सदैव अपने कर्तव्य और कर्म में लगे रहना चाहिए। इस अवसर पर महिला जागृति शाखा की सचिव रत्ना कुशवाह, कोषाध्यक्ष दीपशिखा शर्मा, सोनाली जैन, श्रवण पाठक, धीरज शुक्ला, गगन शर्मा, मनोज दीक्षित, संजीव जैन उपस्थित रहे।