कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित
भिण्ड, 10 जुलाई। आपदा प्रबंधन समूह की बैठक कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस एवं पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत मनोज सरियाम, एडीएम जेपी सैयाम, एएसपी कमलेश कुमार, एसडीएम भिण्ड-अटेर उदय सिंह सिकरवार, एसडीएम मेहगांव वरुण अवस्थी, एसडीएम लहार नवनीत शर्मा, डिप्टी कलेक्टर पराग जैन, डिप्टी कलेक्टर अखिलेश शर्मा, डिप्टी कलेक्टर महेन्द्र गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने कहा कि जिले में लगातार हो रही वर्षा एवं नदियों में बांधों से पानी छोडे जाने के कारण कई नदी एवं नाले उफान पर आ सकते हैं, जिस कारण जनजीवन अस्त व्यस्त होने की स्थिति बन सकती है। इसलिए बाढ-आपदा जैसी स्थिति से निपटने सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां नदी में बाढ आने के कारण कई गांवों में पानी भर जाने एवं रास्ता अवरुद्ध होने की स्थिति निर्मित हो जाती है, इसलिए पहले से ही गांव के लोगों को रुकने के लिए व्यवस्था, खाने पीने की व्यवस्था, दवाईयों का भण्डारण, जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित सहित सभी तैयारियां पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम स्थापित कर उसका नंबर प्रकाशित कराया जाए। बोट्स, जेसीबी मशीन इत्यादि का पहले से ही इंतजाम होना चाहिए। उन्होंने कमाण्डेंट होमगार्ड से कहा कि आप अपना तैराकी बल तैयार रखने की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। इस के साथ उन्होंने बाढ-आपदा प्रबंधन से संबंधित अन्य विभागों को दिए गए दायित्वों के तैयारी पूर्ण रखें।
पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने कहा कि बाढ आपदा से निपटने के लिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। इसलिए खतरे का पहले से अंदाजा लगाएं और ये तब संभव होगा जब आपदा प्रबंधन में जानकारी को समय से आदान प्रदान किया जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन में तैनात अमले को हर समय अपडेट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तैनात अमला संबंधित सभी बांधों के जल स्तर, बांधों से छोडे गए पानी की मात्रा, जिले की नदियों का जल स्तर, जिले में वर्षा की स्थिति की और बांधो से छोडे गए पानी से जिले की नदियों का जल स्तर कितना हो सकता है, इसकी अनुमानित जानकारी का आदान-प्रदान समय पर करें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम हर समय सक्रिय रहें तथा जिले में हुई वर्षा की जानकारी या अन्य क्षेत्रों से आने वाली सूचना या शिकायत से तुरंत अवगत कराएं।