धूमधाम से हुई चातुर्मास की मंगल कलश स्थापना

भिण्ड, 09 जुलाई। नगर के 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय मन्दिर ऋषभ सत्संग भवन में गुरुदेव 108 विनिश्चय सागर महाराज ससंघ के चातुर्मास की मंगल कलश स्थापना भव्य रूप से संपन्न हुई। इस अवसर पर देश के अलग-अलग प्रांतों से पधारे हजारों गुरुभक्तों ने आचार्यश्री की भावभीनी वंदना कर आशीर्वाद लिया। चातुर्मास स्थापना कार्यक्रम में पुण्यवान श्रावक चातुर्मास के मंगल कलशों को स्थापित करते हैं और चार माह बाद उन कलशों को अपने घर ले जाते हैं। इस भावना से संपूर्ण परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो। रायपुर से पधारे श्रावक श्रेष्ठी राजेन्द्र कुमार, प्राशुऋषि जैन ने गुरुदेव के पाद प्रक्षालन कर स्वयं को धन्य किया।
इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य विनिश्चय सागर महाराज ने कहा कि कलश रखना कोई आगम व्यवस्था नहीं है, कोई प्राचीन परम्परा नहीं है। यह तो एक वर्तमान की व्यवस्था है। जो हमारे आचार्य महावीर कीर्ति से शुरू हुई थी, जिनकी भावना थी कि चातुर्मास तो साधु करता है, लेकिन साधु के चातुर्मास के साथ-साथ श्रावक को भी उससे लाभ होना चाहिए और कलश वह माध्यम है जिससे श्रावक स्वयं को चातुर्मास से जुडा हआ महसूस करता है।