सागर, 03 मार्च। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मालथौन, जिला-सागर सुश्री आरती आर्य की अदालत ने लाठी एवं डण्डे से मारपीट करने वाले आरोपीगण पिट्टे उर्फ रघुवीर आदिवासी, राजू उर्फ राजाराम आदिवासी एवं भारत उर्फ भरत आदिवासी को दोषी करार देते हुए धारा 325/34 भादंवि के तहत छह-छह माह का कारावास व 500-500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 323/34 भादंवि में तीन-तीन माह के कारावास की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अनिल अहिरवार ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है शिकायतकर्ता (पीडि़त) ने थाना बांदरी में रिपोर्ट लेख कराई कि छह फरवरी 2012 को सात बजे वह अपनी चक्की चला रहा था। उसी समय पिट्टे आदिवासी, भरत आदिवासी, राजू आदिवासी आए और उससे बोले कि तुम्हारे जरेटा आ गए, उनको देख लो। उसने कहा जरेटा आ गए हैं लकड़ी नहीं आई, उसने कहा कि लकड़ी आ जाए, तब पैसे देंगे। इतनी सी बात पर से पिट्टे ने लाठी मारी जो बांए कान के पास लगी तथा राजू ने दोनों हाथ व पीठ में लाठी मारी, पिट्टे ने बांए कूल्हे में पत्थर मारा जिससे चोट लगी। उसकी मां मीरा बाई, बहिन उर्मिला बाई बचाने आई तो पिट्टे ने डण्डा मारा जो दाहिने हाथ में लगा, राजू ने पीठ में डण्डा मारा जिससे उसकी मां मीराबाई को चोटें आईं, उसी समय रामराज, मलखान व रज्जू आ गए जिन्होंने बीच बचाव किया था। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बांदरी पुलिस ने धारा 323/34 व 325/34 का अपराध आरोपियों के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय मे ंपेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मालथौन, जिला सागर सुश्री आरती आर्य के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।