सागर, 27 फरवरी। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सगार श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग बालक के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी कपूरचंद कोरी निवासी अंतर्गत थाना मोतीनगर को दोषी करार देते हुए धारा 377 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 5(एम), सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप संचालक (अभियोजन) धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडि़ता की मां) ने थाना केन्ट में रिपोर्ट लेख कराई कि अभियुक्त कपूरचंद कोरी ने उसके नाबालिग लड़के के साथ गंदा काम किया है। 13 मई 2020 को उसके लड़के ने उसे रोते हुए बताया कि पांच-छह दिन पहले अभियुक्त कपूरचंद कोरी ने अपने कमरे में बुलाकर उसके साथ गलत हरकत की थी। उसने लड़के से पूछा कि पहले क्यों नहीं बताया, तो वह कहने लगा कि उसे डर लग रहा था। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 377 व पॉक्सो एक्ट-2012 की धारा 5(एम), सहपठित धारा 6 के विरुद्ध अपराध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।