शाजापुर, 25 फरवरी। विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जिला शाजापुर श्रीमती नीतूकांता वर्मा की अदालत ने रिश्वत की मांग करने वाले आरोपी सहायक राजस्व निरीक्षक नगर पालिका परिषद शाजापुर कांताप्रसाद पुत्र लालजीराम शर्मा निवासी 79 महात्मा गांधी मार्ग शाजापुर को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)बी, सहपठित धारा 13(2) में चार वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
प्रकरण की पैरवी कर रहे अभियोजन शाजापुरा के जिला मीडिया प्रभारी एवं विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी कांताप्रसाद शर्मा ने तीन अगस्त 2016 तथा इसके पूर्व कार्यालय नगर पालिका परिषद शाजापुर में सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर पदस्थ रहते हुए आवेदक चन्द्रनाथ सिंह से हाट मैदान स्थित नीलाम दुकान की शेष राशि व उक्त दुकान का आधिपत्य दिलवाने के ऐवज में 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की एवं छह अगस्त 2016 को दोपहर 12:50 से एक बजे के मध्य कार्यालय नगर पालिका परिषद शाजापुर में आवेदक चन्द्रनाथ सिंह से 10 हजार रुपए रिश्वत राशि प्राप्त की। लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा संपूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान विशेष न्यायालय शाजापुर में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार द्वारा लिखित में अंतिम तर्क भी प्रस्तुत किए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दण्डित किया है। प्रकरण में ट्रेप कार्रवाई निरीक्षक इंदल सिंह रावत विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा की गई थी।