नाबालिग से बलात्कार करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

सागर, 26 अगस्त। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/ अपर सत्र न्यायाधीश तहसील देवरी, जिला सागर श्री डीपी सिंह सिवाच के न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के अभियुक्त अनिकेत जाटव पुत्र पूरनलाल उम्र 20 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत देवरी, जिला सागर को धारा 363 भादंवि के अपराध के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)आई भादंवि के तहत आजीवन कारावास एवं 376(2)एन भादंवि के तहत आजीवन कारावास व दो-दो हजार रुपए के अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के अपराध के लिए 10 वर्ष का कठोर कारावास व चार हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। राज्य शासन की ओर से सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मीप्रसाद कुर्मी ने की।
जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि नौ मई 2021 को फरियादी ने देवरी थाना में रिपोर्ट लेख कराई कि नाबालिग अभियोक्त्री आठ मई 2021 को रात्रि करीब 11.30 बजे कमरे में थी, जब सुबह छह बजे उठे तो वह कमरे में नहीं मिली। आस-पास तलाश किया, रिश्तेदारी में पता किया, लेकिन वह नहीं मिली। थाने में गुमइंसान पंजीबद्ध की गई, जिसकी जांच के दौरान 10 मई 2021 को अभियोक्त्री बरामद हुई। अभियोक्त्री ने बताया कि रात्रि के करीब 12 बजे वह बाथरूम करने नहानी में गई थी, तब अनिकेत मुंह दबाकर खींचकर खेतों की तरफ ले गया, अनिकेत ने उसके साथ गलत काम किया था, वह चिल्लाई लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं था। अभियोक्त्री को बलपूर्वक अन्यत्र ले जाकर उसके साथ बलात्संग करने का अपराध घटित पाए जाने पर मामला पंजीबद्ध किया जाकर पीडि़ता एवं आरोपी का चिकित्सीय परीक्षण तथा परीक्षण में प्राप्त वस्तुओं को एफएसएल जांच हेतु भेजा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान साक्ष्य में आए तथ्यों के माध्यम से अभियोजन ने मामले को संदेह से परे यह साबित किया कि आरोपी अनिकेत ने पीडि़ता के साथ बलात्संग किया है, जिसकी पुष्टि डीएनए रिपोर्ट से भी हुई। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए न्यायालय ने अभियुक्त अनिकेत जाटव को धारा 363 भादंवि के अपराध के लिए तीन वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 376(2)आई भादंवि के तहत आजीवन कारावास व 376(2)एन भादंवि के तहत आजीवन कारावास तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के अपराध के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास का दण्डादेश पारित किया है।