बिजली विभाग की तानाशाही से वेहाल हैं नगर वासी

धूं-धूकर जलते कैबिल और डीपी, लोग पानी के लिए मोहताज

भिण्ड, 22 जनवरी। कड़ाके की सर्दी से जन जीवन वेहाल है, ऊपर से नगर मे बिजली कटौती का तांडव लोगों के गले की फांस बना हुआ है, बिजली न होने से नगर में पसरा अंधकार और नलों में पानी नहीं आने से लोग परेशान हैं। लगातार बिजली कटौती का कारण लगातार दो सप्ताह में ट्रांसफार्मर (डीपी) का फुंक जाना अहम कारण रहा। अभी हाल ही में रखी गई डीपी सप्ताह भर सेबाएं देने से पहले ही दम तोड़ गईं। अभी हाल ही में नगर में कुछ समय पहले रखी गई डीपी बदली गई थी फिर से फुंकने से उन्हें फिर बदला जा रहा है, नगर में आए दिन कैबिल का जलना आम बात हो गई हो गई, जब भी कैबिल आग पकड़ती है तो पूरा का पूरा गाला इस पोल से लेकर उस पोल तक जलकर खाक हो जाता है। फिर शुरू होता है बिजली कटोती का तांडव, दिनभर बिजली गुल, रात में कड़ाके की सर्दी से वेहाल लोग, बिजली कटौती से बुरी तरह परेशान होकर बिजली घर पर दिनभर आमद देते रहते हैं, मगर नतीजा वही ढांक के तीन पात। शाम होते ही नगर मे अंधेरा और पानी की किल्लत से परेशानी छा जाती है। अधिकारी अपनी तानाशाही में किसी की सुनने को तैयार नहीं।
डीई अंकुर गुप्ता का साफ कहना है कि हम फोन उठाने के लिए नहीं बैठे हैं, हमें और भी काम हैं। नगर की बिजली व्यवस्था सुधारने से भी महत्वपूर्ण काम और कोई डीई अंकुर गुप्ता के पास है, यह समझ से परे है। नगर में बिछाई गई केबिल व रखे गए ट्रांसफार्मर घटिया किस्म के होने की वजह से नगर की बिजली व्यबस्था दम तोड़ चुकी है। डीपी और केबिल को प्रथम दृष्टया ही अच्छी क्वालिटी की सप्लाई की होती तो आज नगर मे इतनी भीषण बिजली कटौती से लोगों को परेशान होने से बचाया जा सकता था, मगर बिजली अधिकारियों की बड़ी भ्रष्टाचारी की आग ने पूरे नगर का जन जीवन अस्त व्यस्त कर वेहाल कर दिया।