भिण्ड, 25 नवम्बर। गोरमी तहसील क्षेत्र के ग्राम सिकरौदा में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसका 29 नवंबर को भण्डारे के साथ समापन होगा। आज चौथे दिन गुरूवार को कथा वाचक आचार्य पं. मनोज कुमार व्यास शास्त्री ने राजा वली एवं वानम भगवान एवं भक्त प्रहलाद की कथा का वणन किया।
शास्त्री जी ने कहा का वाचन करते हुए बताया कि भगवान जब अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं तो वह नरसिंह जैसा अदभुत और अविस्मरणीय रूप भी धर लेते हैं। जिसकी इंसान और स्वयं देवता तक कल्पना नहीं कर पाते हैं। प्रहलाद को बचाने के लिए और हिरणाकश्यप के वध के लिए नारायण ने यह अद्भुत रूप धारण किया। उन्होंने कहा कि तीन प्रकार के व्यक्तियों से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए। ताली, थाली और प्याली की मित्रता इंसान को बर्वाद कर देती है। इस श्रीमद् भागवत कथा के पारीक्षण श्रीमती फूलवती देवी-हुकुम सिंह परमार हैं। उन्होंने रसिक श्रृद्धालुओं से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर श्रीमद् भागवत कथा कर रसपान कर अपने जीवन को धन्य बनाएं। गुरुवार को भी काफी संख्या में आस-पास के ग्रामीणजनों एवं स्थानीय नागरिकों ने श्रीमद् भागवत कथा का सरपान किया।