– राकेश अचल
सोने के नशे के बारे में सुनारों, सरकारों और खरीदारों से ज्यादा हमारे कविवर बिहारी शायद ज्यादा जानते थे, इसीलिए उन्होंने युगों पहले लिखकर आगाह कर दिया था कि सोने के नशे से बचकर रहिए-
‘कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय,
जाय खात बौराय जग, बाय पात बौराय’
यानि कि सोने (स्वर्ण) का नशा धतूरे (एक नशीला फल) के नशे से सौ गुना अधिक होता है, क्योंकि धतूरे को खाने पर लोग नशे में आ जाते हैं, जबकि सोना मिल जाने मात्र से ही व्यक्ति अहंकारी और मतवाला हो जाता है। इस दोहे के कवि बिहारी जी हैं और इसमें यमक अलंकार का प्रयोग किया गया है, जहां ‘कनक’ शब्द के दो अलग-अलग अर्थ (सोना और धतूरा) हैं। जब हम अलंकार पढ़ रहे होते हैं तो हमें यमक अलंकार के प्रयोग का यही उदाहरण दिया जाता था। यह दोहा धन के लोभ के बुरे प्रभाव को दर्शाता है, क्योंकि धन का लालच भी नशे की तरह व्यक्ति पर बुरी तरह असर करता है और उसे होश-ओ-हवास खोने पर मजबूर कर देता है।
मजे की बात ये है कि स्वर्णमद के बारे में बिहारी की सीख अकारथ गई। आज सोना और चांदी की कीमतों में आग लगी हुई है और हर अतीत बनते दिन के साथ ये दोनों ही कीमती धातुएं रिकार्ड तोड़ती जा रही हैं। 10 ग्राम सोने का दाम जहां मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 1.15 लाख रुपए के आंकड़े को पार कर गया है, तो वहीं घरेलू मार्केट में भी ये तूफानी रफ्तार से भाग रहा है।
सोने की कीमतों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों से लेकर घरेलू मार्केट तक गदर मचाकर रखा है और साल 2025 में ये ताबड़तोड़ तेजी के साथ उछली हैं। एमसीएक्स पर 3 अक्टूबर की एक्सपायरी वाले फ्यूचर गोल्ड का रेट बीते शुक्रवार को एक लाख 15 हजार 139 रुपए प्रति 10 ग्राम के अब तक के सर्वोच्च स्तर को स्पर्श कर गया। हालांकि, इसकी भाव बंदी एक लाख 14 हजार 909 रुपए प्रति 10 ग्राम पर हुई। वहीं हफ्तेभर में सोने के भाव में बदलाव पर नजर डालें तो इससे पहले 19 सितंबर को ये एक लाख 10 हजार 951 रुपए पर था, ऐसे में इसकी कीमत 3958 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़ी है।
जानकार बताते हैं कि सोने का नशा बढ़ने की वजह से घरेलू बाजार में भी सोने की कीमत में अप्रत्याशित उछाल देखने को मिला है। अगर आप इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com पर दर्ज की गई कीमतें देखें तो 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड रेट एक लाख 13 हजार 262 रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले 23 सितंबर को ही इसने एक लाख 14 हजार 314 रुपए का अपना सबसे उच्चतम स्तर छुआ था। हफ्तेभर में इसकी कीमतों में आए अंतर पर नजर डालें तो इस क्वालिटी का गोल्ड 3487 रुपए महंगा हुआ है, क्योंकि बीते 19 सितंबर को 10 ग्राम सोना एक लाख 9 हजार 775 रुपए का था। अन्य क्वालिटी के सोने का भाव भी तेजी से उछला है।
एक तरफ भारत की अपनी समस्याएं हैं और दूसरी तरफ क्वालिटी सोने का भाव (प्रति 10 ग्राम) 24 कैरेट गोल्ड एक लाख 13 हजार 262 रुपए/ 10 ग्राम, 22 कैरेट गोल्ड एक लाख 10 हजार 540 रुपए/ 10 ग्राम, 20 कैरेट गोल्ड एक लाख 800 रुपए/ 10 ग्राम, 18 कैरेट गोल्ड 91 हजार 740 रुपए/ 10 ग्राम, 14 कैरेट गोल्ड 73 हजार 50 रुपए/ 10 ग्राम हो गया है। आपको बता दूं कि इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर अपडेट किए जाने वाले ये गोल्ड रेट देशभर में समान होते हैं, लेकिन जब आप ज्वेलरी शॉप पर आभूषण खरीदने के लिए जाते हैं, तो फिर इस पर लागू 3 फीसदी जीएसटी के साथ ही मेकिंग चार्ज भी देना होता है, जो विभिन्न शहरों में अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है।
जहां सोना विप्लव मचा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर चांदी का नशा भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। चांदी की कीमत भी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस साल सोने से ज्यादा रिटर्न देने वाली चांदी ने भी हर रोज अपने पुराने रिकार्ड तोड़ने का सिलसिला कायम रखा है। बीते शुक्रवार को घरेलू मार्केट में एक किलो चांदी का भाव बढ़कर एक लाख 38 हजार 100 रुपए पर पहुंच गया, तो वहीं एमसीएक्स पर 5 दिसंबर की एक्सपायरी वाली चांदी का वायदा भाव 1.42 लाख रुपए को पार कर गई और एक लाख 42 हजार 147 रुपए प्रति किलो पर बंद हुई।
देशभर में सोने के आभूषणों की कीमत उत्पाद शुल्क, राज्यों के कर और मेकिंग चार्ज के कारण बदलती रहती है। आभूषण बनाने के लिए ज्यादातर 22 कैरेट का इस्तेमाल होता है, जबकि कुछ लोग 18 कैरेट सोने की ज्वेलरी भी बनवाते हैं। इसकी शुद्धता को जांचने की बात करें तो आभूषण पर कैरेट के हिसाब से हॉल मार्क दर्ज होता है, जिससे इसकी पहचान आसान हो जाती है। जैसे 24 कैरेट सोने के आभूषण पर 999 लिखा होता है, जबकि 23 कैरेट पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है।
धतूरे का नशा तो दवाई से उतारा भी जा सकता है, लेकिन सोने का नशा उतारने की कोई औषधि अभी तक नहीं बनी। ये नशा जब लत में बदलता है इससे छुटकारा या तो सन्यासी बनने पर मिलता है या फिर इहलीला समाप्त होने पर। सोने से विरक्त होना आसान नहीं। संयोग से मुझे ये वैराग्य बहुत जल्द हो गया था। आपको मेरे जिस्म पर रत्तीभर सोना नजर नहीं आएगा। अगर आप मुझे विश्वसनीय मानें तो इस समय सरकार से ज्यादा सोना भारतीय जनता के पास है। सरकार के पास बामुश्किल 880 टन सोना है, जबकि जनता के पास 25 हजार टन सोना हो सकता है। इसमें मन्दिरों का स्वर्ण भी शामिल है।