– राकेश अचल
मप्र भाजपा के मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक पार्टी की साख को या तो बट्टा लगा रहे हैं या फिर अपनी ऊल-जलूल हरकतों से उसमें चार चांद लगा रहे हैं। नई खबर ये है कि भाजपा के एक नेता ने एक्सप्रेस हाइवे पर ही अपनी एक महिला मित्र के साथ साखा लगा डाली। नेताजी को पता नहीं था कि हाइवे पर जगह-जगह लगी तीसरी आंख न सिर्फ उन्हें मिथुन मुद्रा में देख रही है, बल्कि उसे रिकार्ड भी कर रही है।
मप्र से एक शर्मसार करने वाली कहानी सामने आई है। मप्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक नेता जी नजर आ रहे हैं, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक महिला के साथ बेहद आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि इस वीडियो में दिख रहा शख्स मनोहर धाकड है। मनोहर धाकड भाजपा नेता बताए जा रहे हैं। हालांकि वायरल वीडियो के बाद पार्टी ने उनसे किसी प्रकार के संबंध का खण्डन किया है।
मनोहर धाखड की पत्नी सोहन बाई धाकड मंदसौर के बनी गांव की वार्ड क्र.8 से जिला पंचायत सदस्य है। वे मंत्री विजय शाह से भी ज्यादा दुस्साहसी निकले। 13 मई की रात के इस वीडियो में मनोहर धाकड दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर खडी सफेद बलेनो कार में एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिख रहे हैं। धाकड साहब का धाकड वीडियो सोशल मीडिया पर 21 मई 2025 को देर रात अपलोड हुआ, जिसके बाद अश्लील वीडियो इंटरनेट पर सनसनी बना हुआ है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया ने बेहद लज्जित होते हुए कहा कि भाजपा की साख को प्रभावित करने वाले किसी भी घटनाक्रम पर कार्रवाई होनी चाहिए। मामला प्रदेश नेतृत्व के संज्ञान में है, जल्द निर्णय होगा।
हाइवे पर साखा लगाने वाले कथित भाजपा नेता मनोहर धाकड अब लापता हैं। उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है। रतलाम रेंज के डीआईजी मनोज सिंह ने कहा कि वीडियो वायरल संभवत: 8 लेन सडक की है। यह सडक अभी नई बनी है। इस सडक को अभी आम आदमी के लिए खोला नहीं गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जगह पर ऐसे कृत्य करना निंदनीय है।
भाजपा का आम कार्यकर्ता हो या बडा नेता जो करता है खुल्लम खुल्ला करता है। मप्र के एक बुजुर्ग नेता भी इसी तरह के मामले में पार्टी की साख बढा चुके हैं, हालांकि उन्हे बाद में सुप्रीमकोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था। वे भाजपा की भेलसा की तोप कहे जाते थे। भाजपा नेताओं का साखा लगाने का शौक पुराना है। एक शाखा मृग थे संजय जोशी। जोशी को 2005 में एक कथित सेक्स सीडी काण्ड के बाद मप्र बीजेपी के संगठन महामंत्री के पद से हटाया गया था। यह सीडी, जिसमें संजय जोशी कथित रूप से एक महिला के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाई दिए थे, मुंबई में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले सामने आई थी। हालांकि, बाद में जांच में सीडी को फर्जी बताया गया, लेकिन संजय जोशी की सक्रिय राजनीति में वापसी नहीं हो सकी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन में वर्ष 2019 में प्रदीप जोशी को भी एक अश्लील वीडियो और चैटिंग मामले के बाद संभागीय संगठन महामंत्री के पद से हटा दिया गया था। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी संगठन ने त्वरित कार्रवाई की थी। लेकिन धाकड एक आम कार्यकर्ता है।
भाजपा कर्नल सौफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताकर तीन बार माफी मांग चुके हैं। उनके खिलाफ हाईकोर्ट के दखल के बाद मामला भी दर्ज है। एसआईटी मामले की जांच भी कर रही है, लेकिन उन्हे अभी तक मंत्री पद से नहीं हटाया गया। हटाएंगे भी नहीं, क्योंकि शाह साहब संघप्रिय जो हैं। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऐसे असंख्य किस्से हैं। कोई लव जिहाद के आरोपी फरहान का मित्र है तो कोई चकला संचालन के आरोप में अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक का मां-बहन के नाम के श्लोक बोलते हुए वीडियो वायरल हो चुके हैं।
मप्र भाजपा की साख हर दशक में कोई न कोई नेता, कार्यकर्ता बढाता ही रहता है। कोई अवैध संबंधों को लेकर, तो कोई हत्याओं को लेकर। मुझे याद है कि बहुचर्चित शहला मसूद हत्या काण्ड भोपाल में 16 अगस्त 2011 को हुआ था। जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की उनके घर के बाहर कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भाजपा के तत्कालीन विधायक ध्रुव नारायण सिंह का नाम सामने आया था, हालांकि वे इस मामले में कभी औपचारिक रूप से आरोपी नहीं बनाए गए। बाद में हत्या की पुष्टि हुई और केस सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई जांच में सामने आया कि शहला मसूद और जाहिदा परवेज, एक इंटीरियर डिजाइनर, दोनों के साथ ध्रुव नारायण सिंह के विवाहेतर संबंध थे। यह प्रेम त्रिकोण हत्या का कारण बना। जाहिदा परवेज ने शहला की हत्या की सुपारी दी थी, क्योंकि उसे लगता था कि शहला की वजह से ध्रुव के साथ उसकी नजदीकी कम हो रही थी। जाहिदा ने साकिब अली उर्फ डेंजर और ताबिश जैसे आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को हत्या के लिए उकसाया था। सीबीआई ने जाहिदा परवेज, सपा फारुकी, साकिब अली और ताबिश को दोषी ठहराया, जिन्हें 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। एक अन्य आरोपी इरफान गवाह बन गया और उसे सजा से छूट मिली। ध्रुव नारायण सिंह का नाम जांच में आया और जाहिदा ने उन्हें हत्याकाण्ड का मास्टर माइंड बताया था, लेकिन सीबीआई को उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला और उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। मुमकिन है कि ये सिलसिला आगे भी जारी रहे, क्योंकि अब भाजपा की चाल, चेहरा और चरित्र पूरी तरह बदल चुका है।
(मनोहर धाकड का वीडियो सोसल साइट्स पर देखा जा सकता है)